राघवजी ने जाने कितने बच्चों का यौन शोषण किया होगा

raghavjiमध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ८० वर्षीय राघव जी भाई कह रहे थे … दो-तीन दिन से वह लड़का पता नहीं कहां है … जो मेरे हाथ पांव दबाता था. वो क्या क्या दबाता था यह उन सीडी को देख के पता चल जाता है. ८० की उम्र में अपने नाती-पोते के उम्र के बच्चे से यौन सम्बन्ध बनाते देख कर इस आदमी ने सारी मान मर्यादाओं को तिलांजलि दे दी है. यह राघव जी नाम का आदमी जिसके पैर कब्र में लटके हुए हैं अपनी उम्र के आठवें दशक में जब इतना यौन सक्रिय है, तब इस बात की कल्पना आसानी से की जा सकती है इसने अपनी जवानी के दिनों में कितने बच्चों को यौन शोषण किया होगा और उन्हें जिन्दगी भर का मानसिक क्लेश बदले में दिया होगा.

इस कुकर्मी भाजपा नेता के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट तो हुई ही है लेकिन सिर्फ इतना किया जाना ही काफी नहीं है. सरकार को इसके विरुद्ध विस्तृत जांच करवाना चाहिए और इसके द्वारा शोषित लोगों के बयान लेकर इस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करना चाहिए. बाल यौन शोषण के लिए देश में काफी सख्त क़ानून मौजूद हैं. ऐसे कई विदेशी जेलों में सड़ रहे हैं जिन्होंने पर्यटन के नाम पर भारत यात्रा की और समुद्री किनारों पर रहने वाले बच्चों का यौन शोषण किया. जो क़ानून इस दुष्कृत्य के लिए विदेशियों पर लागू होता है वही क़ानून इस दुष्कर्मी राघव पर भी लागू होना चाहिए.

आश्चर्य तो यह है कि जो व्यक्ति प्रत्येक बजट के पूर्व अपनी बेटी के पैर छूकर घर से विधान सभा को निकलता था वह इतना पापी और कुकर्मी भी हो सकता है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. फिलहाल जो सबसे जरूरी है वह है इसकी विधान सभा से सदस्यता निलम्बित अथवा समाप्त करना. भाजपा सरकार कांग्रेस विधायकों के खिलाफ प्रदेश में विगत वर्ष ऐसा कर भी चुकी है जबकि उनका दोष कम से कम यौन दुष्कर्म से जुडा हुआ नहीं था. कांग्रेस विधायकों कल्पना परेलुकर और एक अन्य विधायक राकेश सिंह के खिलाफ यह कार्यवाही की गई थी.

भाजपा ने राघव कुकर्मी के कुकर्मोद्घाटन करने वाले पटेरिया पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगाकर उसे पार्टी से निलम्बित कर दिया है जबकि असली अपराधी से सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा ही लिया है. उत्तम चाल चरित्र और चेहरे का दावा करने वाली भाजपा में इतना नैतिक साहस भी नहीं है कि वह इस यौन भ्रष्ट व्यक्ति पर इस्तीफा लेने के अलावा भी कोई कार्यवाही करती और अपने को दूसरी पार्टियों से अलग दिखाने का दिखावा ही कर पाती.

अभी पता चला है प्रदेश भाजपा के एक और वजनदार अधिकारी अरविन्द मेनन भी ऐसे ही यौन भ्रष्टाचार में तन-मन से लतपथ पाये गए हैं. अरविन्द मेनन वह ताकतवर आदमी का नाम है जिसके बिना प्रदेश भाजपा का पत्ता भी नहीं खडकता. राजस्थान पत्रिका ने अरविन्द मेनन की कलई जम के खोली है. वक्त का तक़ाज़ा है कि शिवराज सिंह सरकार नैतिकता के मानदंडों पर अपने को कसे और सभी तरह के चारित्रिक – राजनीतिक – आर्थिक दोषों से मंडित भाजपाजनों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का साहस दिखाये. यों तो शिवराज सिंह भी भाई-भतीजावाद के आरोपों से मुक्त नहीं हैं फिर भी उनके दोष राघव – मेनन के दरिद्रकर्मों के सामने तुच्छ हैं तथापि यह अपने आप में अनुकरणीय होगा यदि वे स्वयं भी अपने उपर लगे आरोपों की जांच के लिए प्रस्तुत हों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कथित ऊँचे सांस्कृतिक मानडंडों को जनता के सामने वाकई ऊँचा सिद्ध करें. http://bhadas4media.com

न्यूयार्क से देवेंद्र सुरजन की रिपोर्ट.

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