आसाराम बापू के खिलाफ मीडिया के रवैये को चुनौती

asharam 1आज के समय में तो लोग कुछ रुपयों के लिए अपनी इज्जत तक बेच देते हैं फिर लाखों रुपये मिलने पे कोई किसी पे झूठा आरोप लगा दे तो क्या बड़ी बात है?” ताजा मामला संत आसाराम बापू का है जिन्हें बलात्कारी, धोखेबाज, शातिर और कुकर्मी सिद्ध करने का अभियान हमारी मीडिया ने जोर-शोर से चलाया हुआ है। भारत के पढ़े-लिखे युवा से लेकर दिग्गज बुद्धीजीवी, मानवाधिकार के हनन के खिलाफ दिन-रात एड़ियां घिसने वाले भी सहर्ष सुर से सुर मिला कर संत आसाराम बापू को कोसने में लगे हैं। पर बापू और उनके अनुयायिओं को कोसने से पहले ये विडियो जरुर देख लें-

https://www.youtube.com/watch?v=Fh79WPtZ54s

https://www.youtube.com/watch?v=FRQUdJLug6o

क्यूंकि आखिर जब मीडिया कि सुनते हो तो आश्रम कि भी सुन लो इसमें क्या बुरा है और दोनों पक्ष जानने से कौन सा हम बेवकूफ हो जायेंगे या हमें पाप लग जाएगा ?…

चूँकि मित्रों इस मामले में आश्रम का पक्ष जानना कहाँ मना है ? इसलिए मैंने आश्रम के पक्ष को जानने के लिए फेसबुक को टटोलना शुरू किया और मुझे ये दो पेज मिले जहाँ आश्रम के ऊपर लगे आरोपों पे आश्रम के पक्ष के बारे में भी जानने को मिला और सिर्फ पक्ष नहीं बल्कि सच क्या है ये भी समझ में आने लगा आपसे अनुरोध है कि अगर आप मीडिया के अंध भक्त न हों तो दुसरे पक्ष को भी देखें जरुर क्यूंकि आखिर दोनों पक्षों को जानना ही तो निष्पक्षता और बुद्धिमानी है ?…..
जरा आप भी इन दोनों पेज को देखिये और ध्यान से पढ़िए –

https://www.facebook.com/asaramjibapu

https://www.facebook.com/SantShriAsharamJiBapu
ऐसा नहीं है कि संत आसाराम बापू मीडिया की इस आदत के पहले शिकार हैं। निठारी कांड के संदिग्ध रहे पंढेर के साथ भी यही कुछ किया गया था। उन्हें नरपिशाच के रूप में दिखाते हुए भारत की एक प्रमुख सप्ताहिक पत्रिका ने कवर पेज तक छापा था। इस तथाकथित नर पिशाच के बारे मे जब पुलिस जांच पूर्ण हुई तब पता चला कि वह किसी भी हत्याकांड मे शामिल नहीं था। उस आदमी का पूरा जीवन तबाह हो गया आर्थिक और सामाजिक रूप से । उसे और उसके परिवार को हुई क्षति की कोई भरपाई नहीं कर सकता।
संत आशाराम बापू के मामले में मीडिया कि भूमिका पे संदेह करने के कई कारण है आइये डालते हैं उन कारणों पे एक नज़र-
१- पहला कारण ये है कि पहले मीडिया ने शोर मचाया कि बापू के खिलाफ रेप का आरोप लगा है और मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप कि पुष्टि हुई है जबकि DCP अजय लाम्बा (https://www.youtube.com/watch?v=zXmVq3YukNE) ने पत्रकारों को एक प्रेस कांफ्रेंस में खुद कहा कि न तो लड़की ने कहीं भी रेप कि बात कि है न तो रेप कि पुष्टि हुई है मेडिकल रिपोर्ट में |
२- संत आसाराम बापू के सेवादार शिवा (https://www.youtube.com/watch?v=sDr9HxbDvyA) के पास बापू की यौन क्रियाओ की क्लिपिंग मिलने का दावा चैनलों ने किया था जो कि बाद में हवा-हवाई सिद्ध हुआ। DCP अजय लाम्बा का ये बयान देखिये (https://www.youtube.com/watch?v=qFYUYIBUMpg)
३- सुप्रीम कोर्ट ने टुंडा और उग्रवादी भट्टल पर अप्रत्यक्ष रूप से टिपण्णी कि की अपराधियों की सुरक्षा पर क्यों इतना खर्च किया जा रहा है ! जबकि मीडिया का कुप्रचार था कि सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम का संज्ञान लेते हुए पुलिस को लताड़ा कि एक अपराधी को इतनी सुरक्षा क्यों दी जा रही है !
४- संत आसाराम बापू और भारतीय मीडिया के बीच पुरानी खुन्नस भी है जो विज्ञापन के दबाव बनाने (क्यूंकि बापू का कोई विज्ञापन नहीं आता इन चैनल्स पे) से शुरू होकर पत्रकारों की पिटाई के बाद रंजिश में बदल चुकी है। याद करिए जब निर्मल बाबा की कारगुजारियां सामने आई थी, तब भी हमें ऐसा ही कुछ देखने को मिला था ,दिन रात मीडिया उनके खिलाफ राग अलापता रहा वो भी महीनो तक । इस दौरान निर्मल बाबा खबरिया चैनलों को ‘चढ़ावे’ के तौर पर जो विज्ञापन दे दिया करते थे, वे भी उन्होंने बंद कर दिया था । लगा कि, भारतीय मीडिया एकदम से सुधर गया है, अपने कर्तव्यों को लेकर जागरूक हो गया है। लेकिन अब जब टीवी के सामने बैठे चैनल पलटते हैं, तो सिर पीटने का मन करता है। वजह , निर्मल बाबा के विज्ञापन फिर से खबरियां चैनलों पर आ गए है । दिन में दो से चार बजे के बीच लगभग सभी बड़े न्यूज़ चैनलों पर उनके विज्ञापन देखे जा सकते है। जाहिर है, इन खबरिया चैनलो ने बाबा से एक लंबी-चौडी डील फाइनल कर ली होगी और बाबा ने भी इस बार दिल खोलकर पैसा दिया होगा, इस करार के साथ कि अब भविष्य में हमारी इस तरह से कलई मत खोलियो ! पर्दे के पीछे जो खेल चल रहा है, उसे चलने देना ! इसलिए ये संदेह पैदा होना लाजिमी है कि क्या संत आसाराम बापू की ‘रासलीला’ के एपिसोड दिखाकर चैनल उन्हें ब्लैकमेल करना चाहते हैं ताकि वो भी निर्मल बाबा के तरह चैनल्स को कुछ विज्ञापन या कीमत दें उलटी सीधी खबरें न दिखाने के लिए |
५- आसाराम पर और बाबूलाल नागर पर दोनों पर एक जैसे आरोप हैं, फिर भी नागर आजाद, ऐसा क्यूँ? जो पत्रकार संत आसाराम बापू की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे? वो अब नागर के केस पर शांत हैं जबकि इस केस में तो नागर के खिलाफ सबूत भी मिल चुका है | फिर ऐसे में भी मीडिया का खामोश रहना क्या मीडिया की नीयत पर सवालिया निशान नहीं लगाता?
६- मीडिया में जिस वैद्य को आशाराम बापू के खिलाफ बोलने में इतना मजा आता है जब मैंने इस के बारे में आश्रम से उनका पक्ष जानना चाहा तो आश्रम के तरफ से मुझे जो बताया गया वो जान के दंग रह गया मैं !!! आप भी जरुर देखिये कौन हैं ये वैद्य और ये आश्रम छोड़ के गए थे या निकाले गए थे: http://www.youtube.com/watch?v=HVlXysQkCD8
७- आश्रम के तरफ से मुझे ये भी बताया गया कि आश्रम में रह रहे एक शख्स जिन्हें आश्रम से निकाल दिया गया था वो भी इस षड्यंत्र में शामिल हैं और उसके स्टिंग ऑपरेशन का तो विडियो भी है आश्रम के पास. और सबसे हैरान करने वाली बात तो ये थी कि ये वीडियो सभी मीडिया चैनल्स को भेजी गयी थी पर न तो किसी चैनल ने इसे दिखाया न तो कोई चैनल ने इसका जिक्र भी किया, उस स्टिंग ऑपरेशन को भी आप इस लिंक पे जा के देख सकते हैं –
http://www.youtube.com/user/vck05/videos?sort=dd&view=0&shelf_index=3
८- उपरोक्त स्टिंग ऑपरेशन ने तो राजू लम्बू, अमृत वैद्य और अघोरी सुखाराम ( http://www.youtube.com/watch?v=2utU3E_Nn9c ) के बापू पर लगाये गए आरोपों की पोल ही खोल दी |
९- हैरान तो मैं तब रह गया जब मुझे ये पता चला कि वैद्य जी ने तो एक बार अपने ही पत्नी को बापू के ऊपर आरोप लगाने के लिए बुरका पहना के खड़ा कर दिया था मीडिया के सामने , और तो और वैद्य जी ने अपने कई मरीजो कि जान तक ले ली जिसमे से एक मरीज कि जान जाने कि खबर इंडियन एक्सप्रेस में भी छपी थी — http://m.indianexpress.com/news/four-days-after-patient-s-death-no-fir-against-ayurvedic-doctor/461453/
फिर इलेक्ट्रानिक मीडिया इसे क्यूँ छुपा रहा ?
१०- २,३ लड़कियों के आश्रम के खिलाफ बोलने पे उन्हें मीडिया द्वारा तवज्जो देना जबकि आश्रम में रहने वाली महिलाओं के पक्ष को उजागर न करना क्या ये आश्रम में रहने वाले महिलाओं का चरित्र हनन नहीं है ? क्या मीडिया को आश्रम में रहने वाले महिलाओं के पक्ष को नही दिखाना चाहिए ?
आश्रम में रहने वाले महिलाओं को भी सुनिए –https://www.youtube.com/watch?v=htTDhfezQKo
११- मीडिया को कम से कम उस कुटीया के मालिक का इंटरव्यू (https://www.youtube.com/watch?v=2ZHBONs1NCc) जरुर दिखाना चाहिए था पर क्यूँ नहीं दिखाया मीडिया ने ये सवाल भी मीडिया के निष्पक्षता और उसके नियत पे सवाल खड़ा करता है |
१२- मीडिया को आश्रम के महिला वैद्य का ये इंटरव्यू (https://www.youtube.com/watch?v=Rqc52RO73JM) जरुर दिखाना चाहिए पर मीडिया ने क्यूँ नही दिखाया ये सवाल भी महत्वपूर्ण है |
१३- हर चैनल को कम से कम बापू के वकील के इस विडियो को जरुर दिखाना चाहिए
1- (https://www.youtube.com/watch?v=buvfFZFUMm8)
२- (https://www.youtube.com/watch?v=Iuz1WNUcCBc)
3-  (http://www.youtube.com/watch?v=Y_OTYE-h_B4)
१४- मीडिया ने बापू के समर्थकों को तो गुंडा बता दिया पर अपनी गुंडागर्दी के कारनामें भी जरुर दिखानी चाहिए थी (https://www.youtube.com/watch?v=p7a6cz_YsfY ) |
१५- मीडिया ने पीड़ित लड़की के सहेली (https://www.youtube.com/watch?v=aBeMMvk89-E) का बयान क्यूँ नही दिखाया ?
ऐसे बहुत से और तथ्य हैं जिन्हें मीडिया ने या तो छुपाया या तो तोड़ मरोड़ के पेश किया ऐसे सभी तथ्यों और निष्पक्ष हो के आश्रम के भी पक्ष को जानने के लिए
जरा आप भी इन दोनों पेज को देखिये और ध्यान से पढ़िए –
https://www.facebook.com/asaramjibapu
https://www.facebook.com/SantShriAsharamJiBapu
मैं नहीं कहता कि बापू निर्दोष हैं न तो मैं ये कहता हूँ कि बापू दोषी हैं पर मेरा आग्रह है कि सच क्या है ये जानना हो तो दोनों पक्ष जरुर देखें बस एक पक्ष कि सुन के किसी पे ऊँगली उठाना क्या मीडिया कि अंध भक्ति नही हुई ?…बापू दोषी हैं तो जरुर सजा मिले पर निर्दोष हैं तो वो भी सामने आना चाहिए आखिर किसी एक पक्ष को सुन के ही दुसरे पक्ष को महज़ आरोप के आधार पे दोषी ठहराना कितना जायज है और कहाँ कि बुद्धिमानी है ?…क्या आरोप लगने मात्र से कोई दोषी हो जाता है ? अगर हाँ तो आज भी बापू पे आरोप लगाने वालों १०-१२ लोगों से ज्यादे उन्हें पूजने वाले करोड़ों लोग हैं फिर क्यूँ बापू निर्दोष नही हो सकते ?…जरा निष्पक्ष होक मीडिया के अंधभक्ति से बाहर निकलिए निष्पक्ष बनिए दोनों पक्षों को देखिये सुनिए और फिर कहिये कि क्या बापू दोषी है ?
खैर , जो भी हो पर हमारा तो यही कर्त्तव्य बनता है कि बिना दोनों पक्षों को जानें हमें ऊँगली नहीं उठानी चाहिए … क्या ये मीडिया कि अंधभक्ति नही होगी हमारे द्वारा अगर हम बिना दोनों पक्षों को जाने बस मीडिया कि बात सुन के किसी पे ऊँगली उठाएं ??? और संत राम रहीम जी ने जो कहा कि “ आज के समय में तो लोग कुछ रुपयों के लिए अपनी इज्जत तक बेच देते हैं फिर लाखों रुपये मिलने पे कोई किसी पे झूठा आरोप लगा दे तो क्या बड़ी बात है ? ” क्या ये भी एक कड़वा सच नहीं है?

मेरा सवाल मीडिया से ये भी है कि —

· मीडिया मुजफ्फर नगर दंगों पर शांत क्यों है ?…पैसे मिल गए या खबर दिखाने के पीछे जो नियत था वो पूरा हो गया?
· मीडिया निष्पक्ष है तो मौलवियों के सेक्स स्कैंडल पर लोगों को जागरूक क्यूँ नहीं करता?
· मीडिया निष्पक्ष है तो दोनों पक्ष क्यूँ नही दिखाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो सिंघवी के CD पे खामोश क्यूँ ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो जम्मू में पादरी ने पोर्न दिखा के जो रेप किये और ग्रेस होम संस्था में जो यौन शोषण हुआ उसपे ट्रायल क्यूँ नही चलाता ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो राहुल और सुकन्या देवी के मुद्दे पे खामोश क्यूँ ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो जम्मू में हुए दंगो पे खामोश क्यूँ ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो एक मौलवी जी को एक लड़का चाक़ू इसलिए मारता है क्यूंकि मौलवी जी ने उसके साथ अपाकृतिक यौन सम्बन्ध बनाया ,फिर मीडिया इस पर खामोश क्यूँ ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो नारायण साईं  और संत आशाराम बापू पे आरोप लगाने वाली दो बहनों कि एक बहन अभी भी आश्रम में है और उसने कल ही आश्रम छोड़ने से मना कर दिया ये क्यूँ नही दिखाता ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो आचार्य भोलानंद पे उनके भाई ने जो आरोप लगाया और उसके ऊपर अपने पिता के हत्या का जो केस चल रहा वो क्यूँ नही दिखाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो अमृत प्रजापति ने अपने औरत को बुरका पहना के बापू पर आरोप लगाने के लिए मीडिया के सामने खड़ा किया था, ये क्यूँ नही दिखाता? प्रजापति ने अपने मरीज़ की जान तक ले ली और आश्रम में आने वाले मरीजों को जांच के नाम पर बाहर महंगे जांच करवाने भेजता था, ये मीडिया क्यूँ नही दिखाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो ये क्यूँ नही बताता कि प्रजापति जी ने आश्रम छोड़ा नहीं था बल्कि उसे निकाला गया था और निकालते वक़्त का विडियो क्यूँ नही दिखाता जबकि विडियो Youtube पे भी है ?
·  महेंदर चावला के खिलाफ उसके ही भाइयों और कई आश्रम में आने वालों ने पैसे चुराने के केस करवाए क्यूँ नही दिखाता ? चावला जी आश्रम से क्यूँ निकाले गए इस्पे आश्रम का पक्ष क्यूँ नही दिखाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो आश्रम में रहने वाले महिलाओं के भी बयां क्यूँ नही दिखाता आश्रम से लाइव ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो आश्रम में रह रहे साधकों के बयान क्यूँ नही दिखाता आश्रम में जा के वहां से लाइव ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो आशाराम बापू के जमीं घोटालों के तरह वाड्रा के जमीं घोटालों पे ट्रायल क्यूँ नही चलाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो आश्रम के आदिवासी इलाको में किये गए कार्य क्यूँ नहि दिखाता ?
·  मीडिया निष्पक्ष है तो माता पिता पूजन दिवस के बारे में प्रचार क्यूँ नही करता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो स्वामी लक्ष्मणानंद के हत्या में आरोपी दलित ईसाईयों और धर्मान्तरण पे ट्रायल क्यूँ नही चलाता ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो मोदी के दंगो के आड़ में कांग्रेस के दंगो को क्यूँ छुपाता है ?
· मीडिया निष्पक्ष है तो राम सेतु के मुद्दे पे खामोश क्यूँ ? रामसेतु को तोड़ने से जो नुक्सान कमिटी ने बताया वो भी तो बताये ?
· और भी बहुत से सवाल हैं जिनका उल्लेख करना जरूरी है पर मैं समयाभाव में कर नहीं पा रहा और ये भी पूछना चाहूँगा कि आशाराम बापू पर आरोप लगाने से पहले क्या एक पत्रकार के तौर पर आश्रम और वहां के निवासियों का पक्ष सुनना जानना क्या पाप है या पत्रकारिता पर कलंक है ?
आप से उम्मीद है कि आप निष्पक्ष रहते हुए मेरी बात जरूर अपने ब्लॉग में किसी संशोधन के बिना रखेंगे, वरना आपको भी मीडिया के तरह निष्पक्ष रहना हो तो कोई बात नहीं, पर भड़ास पर मैं जो भड़ास निकालना चाहता हूँ उसमें आप मेरी सहायता करेंगें ऐसी उम्मीद के साथ आपका बहुत बहुत धन्यवाद..
http://bhadas4media.com
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आशुतोष आर्यन
Ashutosh Aryan
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