नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश मे अपना प्रचार शुरू करने से पहले ही समाजवादी पार्टी की ओर से भी कमर कस ली गई है। समाजवादी पार्टी मोदी को रोकने के इरादे से अपनी ताकत को दोगुने तरीके से इस्तेमाल करना चाह रही है तभी तो समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश मे मोदी के मुकाबले दोगुनी रैलियो करने का मन बना चुकी है। सिर्फ इतना ही नही समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले पिछड़ा, अति पिछड़ा कार्ड खेलने की तैयारी में है। इसके तहत 24 अक्तूबर से प्रदेश में पिछड़ों, अति पिछड़ों की दो अलग-अलग रथयात्राएं निकालने का ऐलान कर दिया गया है। जाहिर है समाजवादी पार्टी ने मोदी को रोकने का फूलप्रफू इंतजाम कर लिया गया है।
एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान अब 29 अक्टूबर से शुरू करेंगे। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में 9 रैलियों को संबोधित करेंगे। इसके जवाब में मुलायम ने पूरे उत्तर प्रदेश भर में 18 रैलियों को संबोधित करने का फैसला किया है। हो सकता है बाद में मुलायम अपनी रैलियो की तादात बढा दें। मुलायम की रैली की शुरुआत आजमगढ़ से होगी। एसपी की रैलियां राज्य के सभी 18 मंडलों में आयोजित की जाएंगी। एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम इन रैलियों को संबोधित करेंगे। जिनमे एसपी अखिलेश सरकार की उपलब्धियों और अपनी नीतियों का प्रचार-प्रसार रैलियों के माध्यम से करेगी। पहली रैली 29 अक्टूबर को आजमगढ़ में होगी, जिसे एसपी प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश संबोधित करेंगे। इससे पहले एसपी नेतृत्व बीते 5 अक्टूबर को इटावा और मैनपुरी में रैली करके उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने वाला था, लेकिन खराब मौसम के चलते इन रैलियों को स्थगित करना पड़ा। उत्तर प्रदेश मे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को अलीगढ़ और रामपुर में रैली करके चुनावी बिगुल फूंक दिया है। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी यूपी में 19 अक्टूबर से रैलियों की शुरुआत करेंगे।
पिछड़े वर्ग की सामाजिक न्याय यात्रा की अगुवाई राम आसरे विश्वकर्मा और नरेश उत्तम करेंगे। दोनों रथयात्राओं को 24 अक्तूबर को सपा मुख्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इनके समापन पर 14 दिसंबर को रमाबाई अंबेडकर मैदान में महारैली होगी जिसे मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव संबोधित करेंगे। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उपेक्षित और वंचित समाज को आगे बढ़ाने और सामाजिक न्याय के लिए समाजवादी पार्टी ने संघर्ष किया है। पिछड़ों को मान-सम्मान और पहचान दिलाने में सपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव सामने हैं। भाजपा ने सांप्रदायिकता फैलाने का अभियान चला रखा है। कांग्रेस-भाजपा दोनों के खिलाफ जनमत है। सपा जातिवाद की विरोधी और सामाजिक न्याय की पक्षधर है। भाजपा-कांग्रेस का विकल्प तीसरी ताकतें हैं। उत्तर प्रदेश की इसमें बड़ी भूमिका होगी।
उन्होंने कहा, लोकसभा में सपा की ताकत बढ़ाने का काम कार्यकर्ताओं पर है। सपा सांप्रदायिकता के खिलाफ और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। बसपा के पांच सालों के शासनकाल में उसके काले कारनामों के खिलाफ संघर्ष भी सपा ने ही किया। http://visfot.com