एक कदम ने जीवन की दिशा बदल दी
स्वाभिमान बडी कीमत वसूल करता है यह शृंखला इसलिए आरंभ की है, ताकि वह सब कुछ जो मेरे जेहन में दफन है, वह आपको बांट दूं, ताकि जब मैं इस फानी दुनिया से अलविदा करूं तो इन यादों का बोझ साथ न रहे। बात सन् अगस्त 1983 की है। मेरे पिताश्री तत्कालीन वरिष्ठ जिला शिक्षा … Read more