पत्थर उद्योग में संभावना तलाश रहा फिलीपींस

फिलीपींस से राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर आए एक 28 सदस्यीय आर्थिक एवं तकनीकी प्रतिनिधिमंडल ने पत्थर एवं सिरैमिक्स उद्योग, खासकर जयपुर के विश्वप्रसिद्ध ब्लू पोटरी उद्योग में सहयोग का दायरा बढ़ाने की इच्छा जताई है।

यह प्रतिनिधिमंडल विमीय पत्थर , ईट, मृदभांड (पोटरी) उद्योग, हस्तनिर्मित कागज उद्योग, डेयरी, बेंत और बांस उद्योग आदि में भारत और फिलीपींस के बीच सहयोग की संभावना तलाश रहा है।

यह दौरा यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन – इंटरनेशनल सेंटर फॉर एडवांसमेंट ऑफ मैन्युफैक्चिरिंग टेक्नोलॉजी (यूएनआईडीओ-आईसीएएमटी) द्वारा प्रायोजित है।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फिलीपींस के कागायान स्थित थर्ड डिस्ट्रिक संसदीय क्षेत्र के सांसद होन रैंडोल्फ एस़ तिंग कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य है सफल उद्यमों के प्रतिमानकों पर अमल करते हुए छोटे एवं मझेलों उद्यमों के विकास के जरिए समावेशी प्रगति को बढ़ावा देना एवं प्राथमिकता वाली निवेश परियोजनाओं पर केंद्रित वाणिज्यिक हितों का सृजन करना।

प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन्स (सीडीओएस) के अत्याधुनिक परिसर का दौरा किया। राजस्थान सरकार एवं राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको) द्वारा संव‌िर्द्घत सीडीओएस एक स्वायत्त संगठन है। सीडीओएस देश में अपनी तरह का प्रथम केंद्र है जो विमीय पत्थर एवं संबद्घ उद्योगों के विकास एवं संव‌र्द्घन में लगा है।

रीको के प्रबंध निदेशक राजेंद्र भणावत ने इस प्रतिनिधिमंडल को राज्य के पत्थर उद्योग के मौजूदा परिदृश्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राजस्थान संगमरमर, ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर और कोटाह स्टोन जैसे विशिष्ट पत्थरों के विशाल भंडार के तौर पर जाना जाता है और ये पत्थर अपनी उपयोगिता के कारण विश्व प्रसिद्घ हैं। उन्होंने खासकर राजस्थानी संगमरमर का जिक्र किया जिसकी गुणवत्ता काफी उत्कृष्ट है और देश के कुल संगमरमर उत्पादन में राजस्थान का योगदान करीब 95 फीसदी है।

भणावत ने कहा कि सरकार ने यूएनआईडीओ आईसीएएमटी के सहयोग से सीडीओएस में पत्थर जांच केंद्र स्थापित किया है, जिसकी सुविधाओं का इस्तेमाल दुनिया में कोई भी कर सकता है। उन्होंने प्रतिनिधियों को जयपुर में पत्थर उद्योग के लिए होने वाले द्विवार्षिक वाणिज्यि मेले ‘स्टोनमार्ट’ में भी भाग लेने को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ऐसे मेलों का आयोजन कर एवं विदेश में आयोजित ऐसे मेलों में भाग लेकर पत्थर उद्योग को बढ़ावा देती रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे प्रयासों से हमारे पत्थर उद्योग ने दुनिया भर में खास पहचान बना ली है।’

सीडीओएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आऱ के. गुप्ता ने कहा कि संगठन पत्थर उद्योग में कार्यरत लोगों एवं संस्थानों के बीच सहभागितापूर्ण संबंध विकसित करने के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र विमीय पत्थर उद्योग के सभी भागीदारों – पत्थर खान मालिकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, व्यापारियों, सेवा प्रदाताओं, मशीन एवं कल-पुर्जा निर्माताओं, वास्तुकारों और उपभोक्ताओं के लिए एक संपर्क बिंदु बन गया है।

यूएनआईडीओ-आईसीएएमटी के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी दीपक बल्लानी ने आईसीएएमटी द्वारा भारत एवं दूसरे विकासशील देशों में पत्थर उद्योग के विकास के लिए किए गए सफल हस्तक्षेपों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और खासकर राजस्थान में इस उद्योग के विकास के लिए संगठन की ओर से असरदार कोशिश की गई।

उन्होंने चुनिंदा क्षेत्रों में भारत से फिलीपींस को संबद्घ तकनीकी एवं सर्वश्रेष्ठ विधियों के हस्तांतरण में आईसीएएमटी की ओर से भरपूर सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने इसका जिक्र किया कि फिलीपींस से वहां के एक उपमंत्री के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधमंडल 8 से 15 सितंबर तक भारत दौरे पर होगा, जिस दौरान कई क्षेत्रों में सहयोग के ठोस फैसले लिये जाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल ने सीडीओएस में आर एंड डी सेंटर, पत्थर जांच प्रयोगशाला, स्टोन पार्क एवं स्टोन म्यूजियम का दौरा किया।

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