अन्जुमन मोहिब्बाने अहलैबेत की और से
सरकार मौला-ए-कायनात की बारगाह में खिराज़े अकीदत पेश
अजमेर (वि.) पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लाहो अलैह वसल्लम के वसीए रसूल अमीरूल मोमेनीन हज़रत मौला अली मुश्किल कुशा, शेरे खुदा सैयदना अली इब्ने अब्बू तालिब कर्रमल्लाह ताला वजूहल करीम की यौमे शहादत अन्जुमन मोहिब्बाने अहलेबेत की और से गुजिश्ता सालों की तरह इस साल भी 8 जुलाई 20 रमजाुनल मुबारक 21वीं शब, बुधवार को शेखा मौहल्ला स्थित संजरी मस्जिद में महफिल का आगज हस्बे रिवायत तिलावते कलामे इलाही से हाफिज कारी सईदुल्ला कादरी ने किया। अली कोसेन, शाहदत हुसैन, हाफिज सज्जाद, हाफिज जमाल, वफा कादरी, तनवीर आलम, ने तात व मनकबत के नज़राने पेश किये। मेहमान मुकर्रीर हज़रत मौलाना गुलाम मुज्तबा रजा ने हज़रत मौला अली की सीरते पाक पर खिताब फरमाया (उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला) एवं उसे अपने जीवन में उतारने का आव्हान किया। सलातो सलाम पेश किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में फातहा के बाद मुल्क में अमन, चेन व आपसी भाई-चारे व अच्छी बारीश व आतंकवाद के खातमे के लिये विशेष इज्तेमाई दुआ की गई। तब्बरूक तकसीम किया गया। संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद अहसान मिर्जा ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों का इस्तकबाल किया। कार्यक्रम में सैय्यद गोहर चिश्ती, रियाज मिर्जा, सैय्यद सेफ अली, महफूज मिर्जा, जावेद अली, सैय्यद लियाकत अली, सैय्यद हमीद ुद्दीन मोईनी, सैय्यद रहबर चिश्ती सहित संस्था के अनेक सदस्य व गणमान्य नागरिक मौजूद थे संस्था की ओर से इस मौके पर लंगर (भण्डारे) का अहतेमाम (आयोजन) किया गया व इससे पहले सामूहिक रोजा इफ्तार हुआ। इसमें बड़ी संख्या में लोगो ने भाग लिया। संस्था के अध्यक्ष अहसान मिर्जा ने यह जानकारी दी।