सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी के खिलाफ प्रसंज्ञान

अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के राजस्थान के अधिकारी के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है , मामला कुछ इस तरह है कि दिलीप जैन ने बैंक की अजमेर पुरानी मंडी स्तिथ शाखा से cc लिमिट बनवायी थी जिसको बैंक ने उसके अच्छे व्यवहार के चलते दो बार बढ़ा भी दिया था , परंतु एक बार व्यापार में थोड़ा परेशान होने से वो दो तीन माह तक ब्याज नहीं भर पाया जिस वजह से उसके अकॉउंट को npa घोषित कर दिया गया और उसके विधि सम्मत भेजे गए आपात्ति नोटिस को बैंक अधिकारियो ने फर्जी सील लगाकर अवधी के बाद आना साबित कर , उसका मकान जो की करीब एक करोड़ से ऊपर की कीमत का था उसे अपने मिलने वालों को बिना नीलामी मात्र 42 लाख में बेच दिया , जिस पर प्रसंज्ञान लेते हुए अदालत ने अधिकारी विजय कपूर को आपराधिक कृत्य का दोषी माना और उसे 12/12/2016 तक जरिये जमानती वारंट अदालत में पेश करने का आदेश दिया
अपनी तरह के इस अनोखे मामले में जहाँ परिवादी के खाते में जिस दिन अकॉउंट npa हुआ उस दिन भी उसकी लिमिट से 1 लाख रुपये कम थे यानि वो 1 लाख और निकाल सकता था और उसने उसके बाद पैसा निकाला भी था , इससे ये साबित होता है कि उसका अकॉउंट उस दिन npa की श्रेणी में नहीं आता था , उसके वाबजूद बैंक के अधिकारियो ने जान भूजकर उसके साथ ऐसा व्यवहार किया और उसके मकान को भी कम कीमत में बेचकर उसको मानसिक और आर्थिक हानि पहुचाई ,
इस मामले में वकील संदीप वर्मा की काफी मेहनत रही जिन्होंने इस मामले की पैरवी बहुत अच्छी तरह से कर अदालत को समझाने में कामयाब हुए ,
बैंक अधिकारियो से बात करने पर उन्होंने अदालती कार्यवाही से अनभिज्ञता जतायी और कहा कि इस मामले में बैंक की कोई गलती नहीं है
विनीत जैन
अजमेर
8107474391

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