श्याम बाबा के जीवन से त्याग व समर्पण की प्रेरणा लें

खाटूश्याम जी-18 अगस्त- कार्यकर्ता के सद्गुणों का उपयोग समाज के लिए उपयोग बने ऐसा भाव हम अभ्यास वर्ग से लेकर जाये ऐसे मार्गदर्शन भारतीय सिन्धु सभा की ओर से आयोजित दो दिवसीय सामाजिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन सत्र में सम्बोधित करते हुये मार्गदर्शक मा. कैलाशचन्द ने कहे। पवित्र तीर्थस्थान श्याम बाबा के जीवन से त्याग व समर्पण के भाव की प्रेरणा को अपने जीवन का अंग बनाने का प्रयास करें। संयोग से यह वर्ष गुरू गोविन्दसिंह जी के 350वें प्रकाशवर्ष है, को हम मिलकर आयोजन करें।
प्रदेशाध्यक्ष लेखराज माधू ने कहा कि सभा की ओर आयोजित अभ्यास वर्ग में चिन्तन किये गये विषयों को समाज तक पहुंचाने का प्रयास कार्यकर्ता करें और सामाजिक समरस्ता का उदाहरण प्रस्तुत करें। किसान गौ सेवा समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश जी शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ता के समर्पण भाव से सदैव बढोतरी होती है।
प्रदेश संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि आगामी वर्ष सिन्धी भाषा की मान्यता का स्वर्ण जयन्ती वर्ष है जिसमें सभी को मिलकर शिविरों के आयोजन के साथ तृतीय भाषा से विद्यार्थियों को जोडने का प्रयास करना है। साथ ही आगामी 21 जनवरी को शहीद हेमू कालाणी की शहीदी के 75वर्ष के उपलक्ष में प्रभातफेरी, पूर्व संध्या पर दीपदान, देशभक्ति गीत आयोजन,रंगभरो प्रतियोगिता जैसे आयोजन करने चाहिये। प्रदेश उपाध्यक्ष (युवा) टीकम पारवाणी व महिला प्रतिनिधि श्रीमति शोभा बसंताणी ने भी अपने विचार प्रकट किये।
समापन सत्र का शुभारंभ भारत माता के चित्र, ईष्टदेव झूलेलाल व बाबा श्याम के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मंच का संचालन प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया । गीत डॉ.कैलाश शिवलाणी, मनोहरलाल, नंदलाल लालवाणी व श्रीमति प्रिया गैनाणी ने प्रस्तुत किया। अन्त में सामूहिक प्रतिज्ञा व राष्ट्रगान कर समापन किया गया। अभ्यास वर्ग में कार्यकारिणी पदाधिकारी, युवा व महिला प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इससे पूर्व सत्र में 21 सूत्रीय पुष्कर घोषणा पत्र पर चर्चा करते हुये प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने पंचायत द्वारा किये पालना व सहयोग की सराहना की एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए शिक्षा, चिकित्सा के साथ सरकारी योजनाओं से जोडने का आव्हान किया। इस सत्र में हासानंद, गिरीश भावनाणी, राजकुमार खत्री, सुन्दरलाल ठकुर, नारायणदास सिन्धी, किशनचंद सदारगंाणी, लोकचंद हरिरमाणी, मोहन छताणी, धर्मदास मोटवाणी, दिपेश सामनाणी, लक्षमण मोटवाणी ने भी विचार प्रकट किये।

महेन्द्र कुमार तीर्थाणी
मो.9414705705

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