गोरधन की जिन्दगी की नई शुरूआत

बी.पी.एल. जीवन रक्षा कोष से गोरधन के कूल्हे की हड्डी का सफल प्रत्यारोपण
अजमेर। बाबू जी,“मैं अपने परिवार और गांव में स्वस्थ और बहुत खुश हूॅ, अपने पैरों से ठीक तरह से चल सकता हूं, मेरे बीमारी की हालत में मेरी पत्नी गोरा ने ध्यान रखा। अब वह पोषाहार बनाने स्कूल में बेफ्रिक होकर चली जाती है।
मैं अपने दोस्त श्री नाथू के प्रति बहुत- बहुत आभारी हूं, जिसने मुझे जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय पहुंचाया, मुख्यमंत्राी बी.पी.एल. रक्षा कोष योजना की जानकारी दी और ईलाज करवाया।
मैं अशोक गहलोत व राज्य सरकार के प्रति बहुत आभारी हूं। मुख्यमंत्राी बी.पी.एल. जीवन रक्षा कोष से मुझे अपने पूरे इलाज के लिए सहायता मिली। मेरी हार्दिक इच्छा है कि मुझे गांव के बाजार में एक छोटी-मोटी दुकान मिल जाये जिससे मैं अपने परिवार का भंलिभाति लालन पालन कर सकूं।
यह विचार है 38 वर्षीय गोरधन के जो अजमेर जिले की पंचायत समिति पीसांगन के ग्राम डोडियाना में विगत दस वर्षो से पैर व कूल्हे की हड्डी में तकलीफ की वजह से चल नहीं सकता था, उसके पैर टेड़े-मेडे़ हो गये थे और जोधपुर अहमदाबाद व भीलवाड़ा में ईलाज करवाकर कर्ज के बोझ तले दब गया था।
ऐसे में उसके दोस्त श्री नाथू ने उसकी मदद की, उसे मुख्यमंत्राी बी.पी.एल. रक्षा कोष जानकारी देेकर, नजदीकी गांव से गाड़ी का इंतजाम कर गोरधन को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय लाया और डाक्टरों को दिखाया।
डाक्टर देवकरण की टीम ने गोरधन की गहन जांच कर पाया की उसके पैरों में पानी भरने और सूजन आने से ऐसा हुआ है। कूल्हें की हड्डी के ऑपरेशन व प्रत्यारोपण से उसे ठीक किया गया। गोरधन के कूल्हे की हड्डी का प्रत्यारोपण राजस्थान में पहला ऐसा केस है जो कि काफी सफल रहा है। अस्पताल में लगभग डेढ़ साल ईलाज चला जिसका पूरा खर्च एक लाख 92 हजार 400 रूपये हुआ। यह खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया। गोरधन, उसकी पत्नी गौरा व तीन बच्चों का परिवार बहुत खुश है।

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