स्वैच्छिक संस्थाओं की भूमिका अहम-पण्ड्या

स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रमाणन विषयक कार्यशाला आयोजित
अजमेर। स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र अध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र पण्ड्या ने कहा कि सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका अहम है। स्वैच्छिक संस्थाएं सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। विशेष रूप से वंचित वर्ग की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार के सहयोगी के रूप में कई स्वैच्छिक संस्थाएं विश्वसनीय योगदान दे रही है।
श्री पण्ड्या आज प्रात: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी सभागार में आयोजित स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रमाणन विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में स्वयंसेवी संस्थाओं की महत्ता का उल्लेख करते हुए विकास केन्द्र द्वारा उनके प्रमाणीकरण को आवश्यक बताया। स्वयंसेवी संगठनों को प्रमाणीकरण प्रमाण पत्र 3 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्र में वास्तविक रूप से कार्य कर रही संस्थाओं की आगे बढ़ाना है जिससे सिर्फ कागजों में चल रही स्वयंसेवी संस्थाओं पर अकुंश लगेगा।
जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने कहा कि स्वैच्छिक संगठनों की बहुत बड़ी संख्या है लेकिन उनकी सीमित विश्वसनीयता चिन्ता का विषय है। स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र के माध्यम से विश्वसनीय स्वयंसेवी संस्थाओं को सूचीबद्घ कर प्रमाणन पत्र भी देकर राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहभागी बनया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक संगठनों में समुदाय आधारित संगठन, गैर राजकीय विकास संगठन, चेरिटेबल संगठन आदि शामिल है जिनकी पारदर्शिता विश्वसनीयता एवं उत्तरदायित्व को लेकर मॉनिटरिंग किया जाना भी आवश्यक है जिससे जनता एवं वंचित वर्गों तक सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंच सके।
कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र श्रीमती शंकुतला सिंह ने स्वैच्छिक क्षेत्र संबंधी नीति व स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र का परिचय देते हुए कार्यशाला का उद्देश्यों से अवगत कराया। संयुक्त निदेशक स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र श्री राजेन्द्र सिंह तंवर ने स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रमाणन हेतु आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी दी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरावली (एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट वालेंटरी एक्शन एंड लोकल गर्वनमेंट) श्री शमीम अहमद ने विभागीय कार्यक्रम एवं योजनाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य आयोजना अधिकारी श्रीमती बीना वर्मा के अनुसार इस कार्यशाला में अजमेर, नागौर, टोंक एवं भीलवाडा से 100 से अधिक सक्रिय स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के अन्त में खुली चर्चा के दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के विभिन्न सवालों के जवाब देकर शंकाओं का निराकरण किया गया।

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