डॉ. श्याम सिंह शशि की रचनाओं का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: डॉ. श्याम सिंह शशि
Shyam Sinh Shashi1.
दो अक्षर
वे दो अक्षर लिखते हैं
तो उम्र भर गाते हैं।
हम पोथियां लिखते हैं-
इक उम्र दे जाते हैं।‘

2.
पहचान
अनजाना था
तेरा था, सब का था
पहचान बढ़ी
किसी का भी नहीं हूँ
काश! अनजाना ही रहता मैं !
पता: अनुसंधान, बी-41245, सफदर गंज, एनक्लेव, नई दिल्ली-110029
सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
Devi nangrani1.
ब अखर
हू ब अखर लिखन्दा आहिन
त उम्र भर गाईन्दा आहिन
असां पोथ्यूँ लिखन्दा आहियूं
हिक उम्र डई वेन्दा आहियूं

2.
सुजाणप
अणसुजातल हुयस, तुहिंजो हुयस,
सभणी जो हुयुस
परिचय वध्यो कहिंजों बि नाहयाँ
काश!
अणसुजातल ही रहां हा मां
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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