जयपुर।प्रदेश में चल रहे तबादला महाकुंभ के बीच
निर्वाचन आयोग ने राज्य में कार्यरत करीब 45
हजार से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों के
तबादलों पर पांच जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिए
हैं। इसका सबसे ज्यादा असर शिक्षकों पर पड़ेगा।
आदेश से करीब तीस हजार शिक्षकों के तबादले
की प्रक्रिया अटक गई है।
जानकारी के अनुसार, प्रदेश में
विधानसभा निर्वाचन
क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष्ा संक्षिप्त
पुनरीक्षण कार्यक्रम के चलते चुनाव आयोग ने यह
प्रतिबंध लगाया है। आदेशानुसार पुनरीक्षण
कार्यक्रम से जुडे कर्मचारियों और
अधिकारियों के स्थानान्तरण पर 15 अक्टूबर से 5
जनवरी तक प्रतिबंध लगाया गया है। बहुत
ज्यादा जरूरी होने पर ही स्थानान्तरण एवं
पदस्थापन्न के लिए संबंधित विभाग को निर्वाचन
आयोग की अनुमति लेना जरूरी होगा।
ये होंगे प्रभावित
प्रदेश के 33 जिलों में मतदाता सूचियों के
संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है।
इसका संचालन कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम और
विभिन्न बूथों पर लगे बीएलओ कर रहे हैं। इस
हिसाब से मतदाता के काम में लगे 33 आईएएस, 233
से अधिक आरएएस और करीब 45 हजार से अधिक बूथ
लेवल ऑफिसर पद पर कार्यरत कर्मचारियों के
तबादलों पर अगले तीन माह के लिए प्रतिबंध लग
गया है।
सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से
निर्वाचन विभाग के मतदाता सूची संक्षिप्त
पुनरीक्षण कार्यक्रम में बूथवार बीएलओ के पद पर
अधिकांशत: शिक्षा विभाग के कर्मचारी लगे हुए
हैं। वर्तमान में 45 हजार बूथों पर 45 हजार बीएलओ
नियुक्त हैं। इसमें से करीब सत्तर फीसदी से अधिक
बीएलओ का काम शिक्षा विभाग में कार्यरत
शिक्षक देख रहे हैं। निर्वाचन आयोग के आदेश के
बाद अब करीब तीस हजार से अधिक शिक्षकों के
तबादलों पर जनवरी तक रोक लग गई है। वहीं अन्य
विभागों में चिकित्सा से जुड़े पांच से सात हजार
कर्मचारियों के तबादलों पर भी इसका असर
पड़ेगा।