कश्मीर मे युवाओं पर लगाया जाए दाव

ओम माथुर
ओम माथुर
नबील वानी के बाद गुल जुनेद खान कश्मीर की नई पहचान है। जुनेद भी CRPF मे असिस्टेंट कमांडेंट बना है। ये दोनों सुलगते कश्मीर में ठंडी बयार की तरह है। उस कश्मीर की जिसके युवाओं का पाकिस्तान सड़कों पर सुरक्षा बलों पर पत्थर फिकवाने के लिये उपयोग कर रहा है। उस कश्मीर की,जिसके युवाओं को जबरन आतंक की अंधेरी गलियों
मे धकेला जा रहा है। उस कश्मीर की जहां बेरोजगारी के कारण युवा पैसों के लालच मे आतंकियों के हाथों मे खेल रहे हैं। वानीऔर जुनेद दोनों मानते हैं की कश्मीर मे समस्या का हल गोलियां नही हैं। दोनों कहते हैं कि बेरोजगारी का हल बन्दूक उठाना नही हैं। इससे ये तो जाहिर होता हैं कि कश्मीर मे ऐसे युवा हैं भी हैं जो काम और नौकरी चाहते हैं। जिस तरह आतंकियों ने बुरहान वानी को अपना पोस्टर बॉय बनाकर कश्मीर के युवाओ को आतंक की राह पर धकेला,वैसे ही कश्मीर और केंद्र सरकार नबील और जुनैद को अपना पोस्टर बॉय बनाकर क्यों नही युवाओं को ये सन्देश देती है की आतंकवाद का समाधान बन्दूक नहीं रोजगार है। जब सरकर ने अलगाववादियों को पालने पोसने और उनकी सुरक्षा पर अरबो रुपए खर्च कर दिए। फिर भी वो पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं और हमारे देश के गृहमंत्री और सव्रदलीय शिष्टमंडल तक से मिलने से इंकार कर देते हैं। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं। तो फिर क्यों नहीं एक बार युवाओं पर दाव लगाकर कश्मीर के हालात सुधारने की कोशिश की जाए। उनके लिए अवसरों की राह खोलकर उन्हें भी नबील व शेख बधने के लिए प्रेरित किया जाए।

ओम माथुर।9351415379

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