यह है बदलता भारत

वेद माथुर
वेद माथुर
नई दिल्ली से जयपुर हाइवे पर कई दशकों से आते-जाते मैंने एक परिवर्तन देखा है, वह यह कि अब हर पर्व शिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी आदि पर लोग एक वाहन पर मूर्ति रखकर और तेज बज रहे डी.जे. पर नाचते-गाते धार्मिक जुलूस निकालते नजर आते हैं। हिन्दुओं को इतना धर्मपरायण होते पहले मैंने नहीं देखा।
दूसरा बड़ा बदलाव फेसबुक और व्हाट्सअप पर देखने को मिलता है, जहां मोदीजी के कोने-कोने में बिखरे प्रशंसक ऐसे संदेश और वीडियो निरन्तर भेजते रहते हैं जिनसे उनके ‘रोल मॉडल‘का महिमा-मंडन होता है और उनके विरोधी संता-बंता की तरह हंसी के पात्र बन जाते हैं।
दरअसल घोटालों की बाढ़ के जमाने से ही, देश को एक ऐसे कद्दावर नेता की तलाश थी जो शत-प्रतिशत ईमानदार हो, ‘गुड गवर्नेंस‘ के मायने समझता हो, जिसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलता हो, जो तुष्टीकरण में विश्वास नहीं रखता हो, जो रोज कुछ नया करने की सोच रखता हो, जो आम आदमी की भीड़ से उपजा हो, जिसके चारों ओर भ्रष्टाचार के लिए बेताब दामादों/ रिश्तेदारों की फौज न हो। विभिन्न धार्मिक और राजनैतिक दलों द्वारा धर्म व जाति के नाम पर किए जा रहे ध्रुवीकरण के दौरान बहुसंख्यक हिन्दुओं को भी मनौवैज्ञानिक सम्बल के लिए एक नेता की तलाश थी और उन्हें नरेन्द्र मोदी में यह सब नजर आया। गुजरात की समृद्धि और गवर्नेंस के कारण मोदी के पास सफलता का एक ‘सर्टिफिकेट‘ भी था। इन सब से मोदी कुछ ही समय में महानायक बन गए।
मोदी जी की इस सफलता कथा में अन्ना हजारे, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, सुब्रह्मण्यम स्वामी, प्रशांत भूषण और हां अरविन्द केजरीवाल का भी हाथ रहा, जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ देशभर में जबरदस्त वातावरण बनाया। इन लोगों की बोयी कांग्रेस विरोधी फसल मोदी जी ने काट ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की दशकों की मेहनत का लाभ भी मोदी जी को मिला।
एक ओर देश में यह सब होता रहा, दूसरी ओर अधिकांश राजनेता इससे बेखबर सारा ध्यान पहले धनोपार्जन और फिर सिर्फ मोदी जी की आलोचना में लगाते रहे। नोटबंदी के दौरान आम आदमी ने न केवल असहनीय पीड़ा को बिना ‘‘उफ‘‘ किए सहा बल्कि मोदी जी के फैसले का अप्रत्यक्ष समर्थन किया, किन्तु विपक्ष के राजनेता इस ‘राइटिंग ऑन द वॉल‘ को भी नहीं पढ़ सके। यदि लोग साथ नहीं देते तो इतना बड़ा जन आन्दोलन होता कि सरकार के लिए मुंह दिखाना भी भारी पड़ता।
तो अब ये जो नया भारत उभर रहा है, वह चाहता क्या है?
– ईमानदार और दृढ संकल्प वाले नेता
– गुड गवर्नेंस
– रोजगार के अवसर
– मूलभूत सुविधाएं – सड़क, पानी, बिजली (आम आदमी रोटी, कपड़ा और मकान के लिए सरकार की ओर नहीं देखता)
– भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्रवाई
– तुष्टिकरण, कतई नहीं
कुल मिलाकर चहुंमुखी विकास, पारदर्शिता और शान्ति ।
ऐसा नहीं है कि पूरा देश अंधा होकर मोदी जी के पीछे दौड़ रहा हो। बिहार में लोगों ने नीतिश कुमार और पंजाब में कैप्टेन अमरिन्दर सिंह का वरण किया है। बिहार में नशाबन्दी और दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक जैसे अनेक अच्छे काम हुए हैं। बिहार में नशाबन्दी जैसे अच्छे कामों के प्रचार के लिए वहां की सरकार को ‘टाइम्स आफ इण्डिया‘ और ‘एफएम रेडियो‘ पर विज्ञापन पर करोड़ों खर्च करने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य से राजनेता अपने अच्छे कामों के प्रचार के बजाय भी सिर्फ मोदी का विरोध करने को ज्यादा लाभप्रद समझते हैं।
यदि राजनीतिक दल सिर्फ मोदी विरोधी वोटों के अपने पक्ष में ध्रुवीकरण के लिए सुबह 6 बजे उठते ही हर चीज के लिए मोदी की निंदा करेंगे तो उन्हें इससे लाभ से कई गुना ज्यादा हानि होगी। यह सिद्ध भी हुआ है ।
हां, इस बदलते भारत में यह नहीं होगा कि कोई नेता मंच पर चप्पल पहनकर आए और बाकी सभी को नंगे पैर आने के लिए बाध्य करे। यह भी स्वीकार्य नहीं होगा कि बैठक में एक नेता कुर्सी पर बैठे और बाकी विधायक/नेता/कार्यकर्ता जमीन पर !
राजा भैया, मुख्तार अंसारी, अमर मणि त्रिपाठी जैसे बाहुबली यदि चुनाव जीते हैं तो विडियोग्राफी के इस युग में ‘बाहुबल‘ से कदापि नहीं! राजनेताओं को इस पर भी अनुसंधान करना चाहिए कि जनता उनके बजाए नामजद अपराधियों को चुनना क्यों पसंद करती है?
यह बदलता भारत स्व. राजेश पायलट जैसे नेता भी चाहता है जो आम आदमी को प्यार से गले लगाये और स्व. श्री माधवराव सिंधिया जैसे कुशल एवं फर्म प्रशासक को भी ! जो सहृदय, संवेदनशील और कुशल नहीं होंगे वे अपनी कुर्सी गवांकर सिर्फ ई.वी.एम. (वोटिंग मशीन) को दोष देते नजर आएंगे।
इस बदलते भारत में नेताओं को भी बदलना होगा। अब खानदान का नाम नहीं, धीरे-धीरे सिर्फ काम चलेगा। जो नहीं बदलेंगे वे ‘नोकिया‘ के मोबाइल, ‘विजय सुपर‘ स्कूटर, ‘एचएमटी‘ घड़ी, ‘एम्बेसेडर‘ कार, ‘वेस्टन‘ के ब्लैक एंड व्हाइट टीवी या फिलिप्स के रेडियो की तरह ‘आऊट डेटेड‘ होकर इतिहास के कूड़ेदान में चले जाएंगे।
– वेद माथुर
([email protected])

error: Content is protected !!