आत्मामुग्धता की अति

ओम माथुर
ये तो आत्मामुग्धता की अति है। प्रधानमंत्री आज टॉक में केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की उपलबि्धयों की जानकारी देते हुए बार-बार कह रहे थे कि ये इसलिए हुआ कयोंकि मोदी है तो मुमकिन है । जो नारा भाजपा के नेताओं और जनता को लगाना चाहिए था, वह नारा खुद प्रधानमंत्री के मुंह सुनकर ऐसा लगा जैसे देश में सरकार के नाम पर केवल नरेंद्र मोदी ही हैं । अगर वह बार-बार यह कहते कि केंद्र में मजबूत सरकार है तो ऐसा मुमकिन है,तो शायद ज्यादा अच्छा लगता।
इसमें कोई शक नहीं कि देश की जनता यह मानती है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऐसी कई योजनाएं साकार हुई है जिनकी उम्मीद किसी और से नहीं की जा सकती थी। लेकिन देश की जनता ने शायद इसीलिए करीब दो दशक बाद मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए को केंद्र में स्पष्ट बहुमत दिया था । यह बात और है कि सरकार बनने के बाद भाजपा अपनी मूल विचारधारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा 370 को हटाने एवं समान नागरिक संहिता को लागू करने जैसे मूल मुद्दों को भुला चुकी है ।और इसके लिए कोई ना कोई तर्क हर रोज पार्टी के नेता परोस देते हैं । फिर भी मोदी ने जो कुछ भी किया है लेकिन इसके लिए मोदी की तारीफ आम जनता और उनकी पार्टी के नेताओं को करनी चाहिए ना कि खुद को ।
क्या ही अच्छा होता मोदी देश की भावनाओं को समझते हुए यह भी कह जाते कि पाकिस्तान से युद्ध होगा क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है । लेकिन यह बात उन्होंने नहीं कही। हां पाकिस्तान से रणनीतिक और तरीके से निपटने के लिए अपनी उपलब्धियां जरूर बताई। राजस्थान से भाजपा के लोकसभा चुनाव का आगाज करते हुए मोदी का ये भाषण क्या राजस्थान में पार्टी को वापस सभी 25 सीटों पर विजय दिला पाएगा। अगर ऐसा हुआ तो सचमुच कहा जाएगा कि मोदी है तो मुमकिन है।

ओम माथुर/9351415379

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