‘PUBG’ की लत से ग्रस्त युवा बन रहे हैं अपराधी

रीता विश्वकर्मा
इस समय स्मार्ट फोन पर खेला जाने वाला पबजी नामक खेल आपराधिक घटनाओं को जन्म देने लगा है। पबजी खेलने वाले लगभग हर उम्र के लोग इसमें इतने तल्लीन रहते हैं कि उन्हें दुनियादारी से कोई मतलब नहीं रहता। यदि किसी ने मना किया तो ये मार, झगड़ा यहाँ तक हत्या तक कर सकते हैं। बीते दिनों पबजी खेलने से रोकने पर बेटे ने अपने पिता का गला काटकर हत्या करने के साथ ही उसके लाश के कई टुकड़े कर दिए थे। यह मामला कर्नाटक के बेलागवी जिले का है। यहाँ 25 साल के एक युवक ने अपने पिता की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वो उसे पबजी खेलने से मना करता था। पबजी नामक यह खेल कितना खतरनाक रूप लेता जा रहा है इसका अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पबजी खेल की लत से ग्रस्त युवक ने अपने पिता की हत्या के बाद उसके शरीर के कई टुकड़े कर डाले।
पबजी नामक यह खतरनाक खेल अब भारत के गाँव देहात से लेकर शहरी इलाकों में तेजी से फैलने लगा है। इस खेल को निकम्मे, निठल्ले और अपढ़, अल्प शिक्षित युवकों द्वारा खूब पसन्द किया जा रहा है। पबजी की लत से युवा वर्ग का कैरियर लगभग समाप्त सा होने लगा है। इनमें अशिक्षा और बेरोजगारी बढ़ने लगी है। सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया कि जिन व्यावसायिक केन्द्रों पर अल्प शिक्षित युवा कार्यरत हैं उनके हाथों में स्मार्टफोन और कानों में ईयरफोन लगा रहता है। पूछने पर पता चला कि यह लोग पबजी नामक खेल का आनन्द ले रहे हैं। ग्राहक आता है, उसे क्या चाहिए, क्या नहीं चाहिए, पुरानी व्यावसायिक परम्पराओं को नकारते हुए ये युवा ग्राहक जिसे भगवान कहा जाता है को तवज्जो ही नहीं देते हैं। जिन माँ-बाप ने अपने युवा वर्ग की सन्तान का कहना मान कर व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुलवा दिया है आज वे ही लोग इस बात का रोना रो रहे हैं कि उनका बेटा, उनकी सन्तान पबजी जैसे खेल की दीवानी हो गई है। एन-केन-प्रकारेण बैंक और हित-मित्रों से कर्ज-उधारी लेकर दुकान खुलवाया जिसे पबजी की लत के चलते इन लोगो ंने चौपट कर दिया, पूरी जमापूँजी डूब गई। अब उनके सामने दो वक्त की रोटी की भी व्यवस्था में दिक्कत आ रही है। कई माँ-बाप, अभिभावकों ने रोते हुए कहा कि वह लोग अपनी जान बचाने के लिए पबजी खेलने वाली अपनी ही सन्तानों से बात करने में डरते हैं। उनका विरोध नहीं करते हैं, क्योंकि यदि ऐसा करेंगे तो ये लोग अज्ञानता के चलते मार, पीट व हत्याएँ न कर बैठें।
आप भी पबजी में तल्लीन युवाओं को देख व महसूस कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान पर चले जाइए। काउण्टर से लेकर जिस स्थान पर युवा काम कर रहे होंगे और उनके हाथों में स्मार्ट फोन है, तो समझिए कि वे भी पबजी इन्फेक्शन के शिकार हैं। कान में ईयरफोन लगा के वे लोग प्लेयर अननोन्स बैटिल ग्राउण्ड्स यानि पबजी में व्यस्त हैं। रेस्तराँ, जनरल स्टोर, परचून की दुकान, मेडिकल स्टोर्स पर भूलकर भी न जाएँ। यदि वहाँ पर युवा मोबाइल में व्यस्त दिखें तो समझिए खतरा है। आपको उल्टा-सीधा सामान पकड़ा सकते हैं। कई बार जलपान गृहों, रेस्तराओं और मेडिकल स्टोर्स पर ऐसा नजारा देखा गया है कि ग्राहक ने मांगा कुछ और दुकानदार ने पकड़ाया कुछ और। क्योंकि वह पबजी खेलने में व्यस्त था।
पबजी गेम गाँव और शहर के उन इलाकों में रहने वाले लोगों में कुछ अधिक देखा जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर और अशिक्षित हैं। गरीब और अशिक्षित परिवार के मुखिया जो मोटा काम करके अपने श्रम से दिहाड़ी कमाते हैं, घर-परिवार चलाते हैं उन्हीं के घरों के युवा बेलगाम, अनियंत्रित होकर पबजी जैसे खतरनाक खेल के संक्रमण से ग्रस्त हो रहे हैं। यह खेल जो लोगों को निठल्ला, निकम्मा, बेरोजगार, बेहूदा व अपराधी बना रहा है इस पर सामाजिक चेतना ही नियंत्रण लगा सकती है, या फिर भारत सरकार इस खेल को पूर्णतया प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाये ताकि यह खेल किसी भी परिस्थिति में स्मार्टफोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड व इंस्टाल न हो सके।
पबजी का पूरा नाम क्या है…..? यह भी जान लें……….
PUBG- प्लेयर अननोन्स बैटिल ग्राउण्ड्स
PUBG का full form है Playerunknown’s Battlegrounds। यह एक action based game है जिसे की Computer और Smartphones में online खेला जा सकता है। यह एक multiplayer Game है। इसे एक Korean video game बनाने वाली company Bluehole ने बनाया है। PUBG Game को साल 2017 में पुरे दुनियाभर में launch किया गया था। इसे सबसे पहले Microsoft Windows के लिए launch किया था। ये वहां इतनी popular हो गया की इसके developers को बाध्य होकर इसे इसके Popularity को देखते हुए इसे Android और iOS के लिए भी launch कर दिया गया। चूँकि ये एक multiplayer game है इसलिए आप इसे अकेले खेल नहीं सकते बल्कि आपको मिलकर दुसरे players के साथ इसे खेलना पड़ता है जिससे यह game और भी रोचक बन जाता है।
रीता विश्वकर्मा
सम्पादक- रेनबोन्यूज
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