मेरे लाडले इकलौते बेटे को समर्पित…..

कोरोना की जंग में लड़ने वाले
भगवान उन सभी लड़ाकू बेटों को सुरक्षित रखे जो ऐसे कठिन दौर में भी अपनी ड्यूटी अंजाम दे रहे ह………..
मेरा सुपुत्र अंकित दाधीच बेंगलुरु स्थित फार्मास्युटिकल में कार्यरत ह , जीवन रक्षक दवा निर्माता कंपनी माइक्रो लेब में इंजीनियर ह औरअपनी ड्यूटी नियमित रूप से कर रहा है।
चिंतित मातृत्व ह्रदय का वर्तमान हालातो से आशंकित रहना जायज है ,जब पुत्र को कहा की छुट्टी नही मिल रही तो नोकरी छोड़ घर लौट आ बेटा,तो उसका जवाब माँ बचपन मे आपने ही तो कहा इमारत का कंगूरा भले ही मत बनना ,बन सको तो नींव की ईंट बनना ,आज वक्त आ गया नींव का कंकर ही सही पर पर इस फाइट में शामिल हो कर जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण में ड्यूटी कर राष्ट्र को सहयोग ही कर रहा हूँ मै !!! आज गर्व महसूस कर सकती हूं !!!गर्व से कहती हूं मेरा बेटा भी फाइटर्स से कम नही!! माँ जगदम्बा सदैव रक्षा करे🙌💐💐जिओ मेरे लाडले…….😘😘🙌🙌…..love you bless you take care 👍👍👍👍proud of you dear

मातृत्व ह्रदय से उन सभी बेटो को समर्पित जो कोरोना की जंग के फाइटर्स है अभी……😘🙌🙌😊

बेटे भी घर छोड़ के जाते हैं…

अपनी जान से ज़्यादा..प्यारा लेपटाॅप छोड़ कर…
अलमारी के ऊपर रखा…धूल खाता गिटार छोड़ कर…
जिम के सारे लोहे-बट्टे…और बाकी सारी मशीने…
मेज़ पर बेतरतीब पड़ी…वर्कशीट, किताबें, काॅपियाँ…
सारे यूँ ही छोड़ जाते है…
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!

अपनी मन पसन्द ब्रान्डेड…जीन्स और टीशर्ट लटका…
अलमारी में कपड़े जूते…और गंध खाते पुराने मोजे…
हाथ नहीं लगाने देते थे… वो सबकुछ छोड़ जाते हैं…
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!

जो तकिये के बिना कहीं…भी सोने से कतराते थे…
आकर कोई देखे तो वो…कहीं भी अब सो जाते हैं…
खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं…
अपने रूम में किसी को…भी नहीं आने देने वाले…
अब एक बिस्तर पर सबके…साथ एडजस्ट हो जाते हैं…
बेटे भी घर छोड़ जाते हैं.!!

घर को मिस करते हैं लेकिन…कहते हैं ‘बिल्कुल ठीक हूँ’…
सौ-सौख्वाहिश रखने वाले…अब कहते हैं ‘कुछ नहीं चाहिए’…
पैसे कमाने की होड़ में…वो भी कागज बन जाते हैं… बात अगर राष्ट्रप्रेम की आ जाये तो
खुद न्योछावर हो जाते ह

सिर्फ बेटियां ही नहीं लाडले

. . . . बेटे भी घर छोड़ जाते हैं……

ज्योति दाधीच

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