डॉ.रीतू मीणा को मेरी और से भी श्रद्धांजलि….
दोस्तों आज हमारे अजीज मित्र डॉ.अनिल मीणा की स्वर्गीय पत्नी डॉ.रीतू मीणा का जन्मदिन है।अभी हाल ही में कुछ दिनों पूर्व डॉ.साहिबा का असामयिक निधन हो गया था जिससे ना केवल मैं व मेरा परिवार बल्कि हमारे उपखंड भिनाय के बच्चे बच्चे को बहुत दुख हुआ।हम लोग विधाता के खेल के आगे कर भी क्या सकते हैं।बस उस जीव की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।तथा शोक संतप्त परिवार के दुख को कम करने की प्रार्थना कर सकते हैं।वो हम सबने की ही है।कर भी रहे हैं।आज सुबह फेसबुक स्टार्ट किया तो डॉ. साहिबा के जन्मदिन का नोटिफिकेशन सामने आया।क्या लिखता?किसके लिए लिखता?कौन पढ़ेगा अब शुभकामनाएं? पहले तो डॉ. साहिबा मेरी हर पोस्ट पर कममेंट्स करती थी।बात करती थी।लेकिन अब कोई शब्द नहीं थे तो शत शत नमन लिखकर छोड़ दिया।थोड़ी ही देर बाद डॉ.अनिल मीणा जी का फोन आया कि आज आपकी भाभी जी का जन्मदिन है तो आपके गांव के शेल्टर होम में जो प्रवासी ठहरे हुए हैं उनके साथ जन्मदिन मनाएंगे।उनके साथ भोजन करेंगे।सहसा मेरे आंखों में आंसू निकल पड़े।पिछले कुछ दिनों से शेल्टर होम में जिस प्रकार गंदी राजनीति चल रही थी जिसको देखकर जाने का मन भी नहीं हुआ और ना ही इस समय डॉक्टर साहब से मिलने की हिम्मत जुटा पा रहा था।लेकिन शेल्टर होम के प्रभारी विजेंदर सिंह शेखावत प्रिंसिपल साहब से अपडेट मिला कि आज यहां ठहरे हुए प्रवासियों को खीर पूड़ी का भोजन डॉ. साहब द्वारा करवाया गया है तो जानकर मन को काफी सुकून व खुशी मिली कि हमारे डॉ.साहब ने उनकी धर्मपत्नी जी का जन्मदिन एक ऐसे स्थान पर मनाया जो मानवीय संवेदनाओं का ऊत्कृष्ट उदहारण है।देश की आपात कालीन परिस्थितियों में आज हम हमारे गांव में ऐसे गरीब,मजदूर लोगों की मदद कर पा रहे हैं।मैं समझता हूं ईश्वर ने हमें इस काम के लिए चुना,हमें ऐसा अवसर प्रदान किया।ये हमारे लिए मानव रूपी ज़िंदगी का कर्ज उतारने का एक महत्वपूर्ण समय है।ऐसे स्थान पर आपने पधारकर,इन मेहमानों की सेवा कर जो पुण्य कार्य किया है।मेरी ज़िंदगी में ऐसा जन्मदिन पहली बार मनाते हुए देखा है मैंने।जिसमें खुशी कम आंसू ज्यादा हैं।शत शत नमन करता हूं ऐसी पुण्य आत्मा को।और डॉ. साहब आपको ये कहता हूं कि आप कभी अपने आपको अकेला नहीं समझें।हम सब आपके साथ हैं।
डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट।