*नसीहत भरी एक पाती अपणो के नाम*

( कोरोना सम्बंधी जागरूकता का एक अभिनव प्रयास , जिसमें पुराने दौर की तर्ज़ पर एक लम्बी चिट्ठी जो ग्रामीण परिवेश के उस दौर की याद ताजा करती है जब लोगो के पास समय का अभाव नहीं था , लोगों के पास फुर्सत ही फुर्सत थी। लोगों के समाचार जानने और अपने मनोभावों को दूर देश में बसे परिजनों तक पहुँचाने का एक मात्र जरिया केवल चिट्ठी हुआ करती थी , क्योकि तब न तो टेलीफोन और मोबाइल थे और न ही अखबार या समाचार पत्रों का चलन था , रेडियो टेलीविजन तथा वाट्स अप ई मेल और टेलीग्राम इत्यादि का तो जमाना ही नहीं था । ऐसे समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर समाचार पहुँचाने का माध्यम केवल चिट्ठी का पत्र व्यवहार ही था और पोस्ट आफिस की भी सुविधा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में पत्र व्यवहार व्यक्तिगत संदेश वाहक अथवा दूत एवं घुड़सवार हरकारे के द्वारा ही पत्रव्यवहार हो सकता था और वे ही दूसरी ओर से जवाबी समाचार भी लेकर आते थे। उस दौर की याद ताजा करने का एक अभिनव प्रयास है , प्रस्तुत एक पाती (संदेश) अपनों के नाम जिसको
माध्यम बना कर महामारी के वर्तमान दौर में भारतीय जन मानस के मनोभावों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है ।)

सिधश्री शुभ स्थानेक सर्व ओपमां लायक साहजी श्रीमान !

बी एल सामरा “नीलम “
जोग लिखी अजमेरां सुं छोरु बाबू लाल सामरा का घणै घणै मान सूं सुभकानावां सागे जय जिनेन्द्र अर जुहार बंचावसी । अपरंच अठे भगवान री किरपा सूं म्हां सगला साथ राजीखुशी मजे में हां सा और अठे रा सब समाचार भला छै । आप भी बठे बाल गोपाल समेत राजीखुशी बिराजतां होसी। आप रो कागज खुशी का समचार घणा बखत सु नहीं है सो म्हारे घणी चिन्ता लाग रही है ,कारण के आजकाल चारुमेर एक नवी बीमारी कोरोना की घणी फैल री है सा ।
आप म्हांके घणी बात छो,अठे राज रा हुकम री बात छै । आप सदा हेत इखलास अर मेहरबानी राखो जिणसूं विसेश ज्यादा रखावसी ।
अपरंच आपरे राजी ख़ुशी का समाचार चिट्ठी पहुँचता वेगा दिरावसी अर आप सभी सरदार आपके शरीर रो पूरो जतन जाबतो अर हिफाज़त राखसी ।
केवे् है की आ. बीमारी छुवा छुत सुं घणी फ़ेल री है, ।
*अठे धंधा पाणी तो सगला बंद है पण करा कांई । जीवन जतन सारू परिवार रा सारा जणा साथ घर मे बैठ ने धर्म ध्यान करां हां*
*आपरा वठे काई हाल चाल है सा ?*
आप भी बारे कठेइ जाईंजो मती सा। अर थोड़ी थोड़ी देर पाछे साबुण सु रगड रगड कर आपणा हाथ धोता रइजोंं, घर मायने भी हर जगह आपस माई कमसे🧍‍➖कम तीन – चार फुट रो अंतर जरुर राखज्यो ।
*अर खान पान में आप *बदाम रो सिरो अर दाल बांटी चुरमों खिचड़ी वगैरह * खायने *सरीर ने सेहतमंद राखजोसा* घर का बडेरा ओर टाबरां की विसेश निंगा राखीजों । सगला परिवार ने घर सूं बारे मत्ती भेजज्यो, घर का घर मे रहने सु कतइ बारला लोगां सु हाथ लागेला कोनी, ओर आ बीमारी आगे फैलनी बंद हो जावेली। तबियत को जापतो राखजो सा। थोड़ा दिनां री तकलीफ़ सहन करने सु आगे सब का दिन अच्छा ही रेवेला ।
आप सगला न राखज़ो, ओर अड़ोस पड़ोस वाला नै , आपका सभी सगा , सम्बंधी ने भी ईण बाबत जरुर बताईजो सा । आपणी सरकार भी अपणी तरफ सुं पूरी कोशिश कर रही है , अगर आप सावचेतांइ सूं काम करोला तो सबको भलो होसी ! थोडा दिनां री बात है, यो समय भी निकल जासी । ओ भगवान बडो ही दयालु है पर आ परीक्षा री घडी है ओ समय भी निकल जाई सा !!
घर री लिछम्यां नै सताईजो मती । घर का काम में सगला जणा थोडा थोडा सहयोग राखने हात बटाओला तो घर मे सगला ने आनंद आसी । आप सगला अपनी तबियत को पूरो पूरो जापतो राखजो सा ।
*घर में सभी बडा ने प्रणाम, छोटा ने प्यार अर आशीर्वाद*!!

*लिखी बाबू लाल सामरा का जय जिनेन्द्र बंचावसी*

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