बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। नेहरू जी का जन्मदिन उनके पहले जन्मदिन से ही एक अलग अंदाज में मनाया जाता था। जन्म के बाद से लगातार हर वर्ष 14 नवम्बर के दिन उन्हें सुबह सवेरे तराजू में तौला जाता था। तराजू में बाट की जगह गेँहू या चावल के बोरे रखे जाते थे। तौलने की यह क्रिया कई बार होती थी। कभी मिठाई तो कभी कपङे बाट की जगह रखे जाते थे। चावल, गेँहु, मिठाई एवं कपङे गरीबों में बाँट दिये जाते थे। बढती उम्र के साथ बालक जवाहर को इससे बहुत खुशी होती थी। एक बार जवाहरलाल ने अपने पिता से पूछा कि हम एक वर्ष में एक से ज्यादा बार जन्मदिन क्यों नही मनाते ताकि अधिक से अधिक लोगों की सहायता हो सके। बालक जवाहर का ये प्रश्न उनकी उदारता को दर्शाता है।
लैक्मे ब्यूटी प्रोडक्ट देश का जाना माना नाम है, लेकिन बताया जाता है कि इसके बनने के पीछे की कहानी थोड़ी दिलचस्प है | देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस बात को लेकर चिंतित थे कि भारतीय महिलाएं ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा खर्च कर रही हैं | जिसको देखते हुए नेहरू ने जेआरडी टाटा ने ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने का निवेदन किया | जिसके बाद लैक्मे मार्केट में आया |
संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—-डॉ.जे.के.गर्ग