दिन में नेप मैनेजमेंट के फायदे और उपयोगिता पार्ट 1

dr. j k garg
न्यूयॉर्क स्तिथ सिटी यूनिवर्सिटी में किये गये शोध के अनुसार नैपिंग से दिमाग में नए कनेक्शन बनते हैं। 2007 में आर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार नैप लेने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। जो लोग हफ्ते में तीन बार भी नैप लेते हैं, उनमें हार्ट डिसीज का खतरा 37 प्रतिशत तक कम हो जाता है। नैप आपको अधिक प्रोडक्टिव बनाती है। असल में कहा जाता है कि अधिक प्रोडक्टिव होने का रहस्य समय को मैनेज करना तो है ही, बल्कि इससे ज्यादा अहम है अपनी एनर्जी को बनाए रखना। टेक नैप चेंज योर लाइफ नाम की किताब लिख चुकीं डॉ सारा सी मेडनिक कहती हैं कि नैपिंग से स्वाद, सुनने और देखने की इंद्रियों की क्षमता बेहतर होती है। नैपिंग से क्रिएटिविटी भी बढ़ती है और इससे दिमाग रिलेक्स होता है। न्यूयॉर्क की सिटी यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार नैपिंग से दिमाग में नए कनेक्शन बनते हैं। नैप लेना एक तरह से सिस्टम रिबूट करने की तरह होता है। इससे भावनाएं काबू में आती हैं और मस्तिष्क की कार्यशीलता भी ठीक होते हैं। स्लीपसाइकल 90 मिनट के पैटर्न पर चलता है। यह गहरी नींद में ले जाता है। अधिकतर लोगों का रात का स्लीप साइकल 4 से 6 घंटे का होता है। दिन में 90 मिनट की नैप रात के पूरे स्लीप साइकल के बराबर उपयोगी होती है।

प्रस्तुतिकरण —-डा. जे.के.गर्ग,

सन्दर्भ—-डॉ सारा सी मेडनिक की पुस्तक टेक नैप चेंज योर लाइफ, आर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन, अमेरिका की नेशनल स्लीप फाउंडेशन, हार्वर्डमेडिकल स्कूल के डॉ रसेल साना एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकायें आदि

error: Content is protected !!