अगर सरकार के पास नंबर हैं, तो बाड़ेबंदी क्यों?

बाड़ा खोल कर देखें, पंछी उड़-उड़ कर किस डाल पर बैंठेंगे यह समय बता देगा
रजनीश रोहिल्ला।
राजस्थान में राजनीति का घमासान जारी है। जो भी होगा, वो समय के गर्त में हैं। जो भी हो रहा है, उसे सब देख और महसू कर रहे हैं।
पिछले 15 दिनों से राजस्थान राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। पहले पर्दे पर गहलोत और सचिन पायलट हैं। दूसरे पर्दे पर कांग्रेस और भाजपा हैं। इस पूरी फिल्म में कई और पर्दें हैं। एक पर्दा संवैधानिक पदों पर बैठे शीर्ष लोगों का भी है। इस पर्दे पर विधानसभा स्पीकर और राज्यपाल भी अपनी भूमिका में नजर आ रहे हैं।
सभी लोग संविधान के नियमों को जी रहे हैं। लोकतंत्र की व्यवस्था को जी रहे हैं। लोकतंत्र से संविधान हो या सविंधान से लोकतंत्र। एक ही मायने हैं। सब जनता से जुड़ा विषय है। लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना में जनता ही महत्वपूर्ण है।

रजनीश रोहिल्ला
जनता का जनादेश ही पूरे लोकतंत्र के मायनों को परिभाषित करता है। जनादेश ही तय करता है कि कौन जनता के निर्णय करेगा। मोटे-मोटे तौर पर समझा जाए तो एक केंद्र और एक राज्य। यानि दो स्तरों पर जनता के जनादेश से ऐसी सरकारें बनती है, जो उसी स्तर पर जनता के हित में निर्णय करती है।
अब जनादेश को कैसे समझें। जनादेश संसद और विधानसभा में किसी भी राजनीतिक दल के नंबर को स्पष्ट करता है। बस राजस्थान विधानसभा में इस समय इसी नंबर गेम को हासिल करने की लड़ाई चल रही है।
अब सीधे-सीधे बात करते हैं राजनीति घटनाक्रम की। संविधान व्यवस्था के अनुसार राजस्थान में सरकार बनाने और चलाने के लिए विधानसभा की 200 सीटों पर 101 सीट बहुमत के लिए चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने विधायकों को गिना चुके हैं। इसका मतलब यह हुआ कि संविधान के अनुसार उनको सरकार चलाने और निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
पिछले 15 दिनों से गहलोत सरकार अस्त व्यस्त है। पायलट खेमा और बीजेपी के अदृश्य गठबंधन के कारण सरकार एक होटल में बंद है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई बहुमत की सरकार को गिराना चाहती है।
सबके अपने-अपने अलग-अलग स्टेटमेंट है।
1-गहलोत खेमा कह रहा है कि बीजेपी सचिन पायलट के साथ मिलकर राजस्थान में सरकार गिराने का षड़यंत्र रच रही है।
2- बीजेपी खेमा कह रहा है कि गहलोत और पायलट की लड़ाई तो कांग्रेस की बंदरूनी लड़ाई है, उसका कोई लेना देना नहीं। एक राजनीतिक दल होने के नाते वो स्थितियों को देख रहे हैं, समय आने पर राजनीतिक फैसला लेंगे।
3- पायलट खेमा कह रहा है कि हमारे पास 30 की संख्या में विधायक हैं। हम कांग्रेस में ही हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में है।
इधर राजस्थान विधानसभा की गणित में कांग्रेस के पास 107, बीजेपी के पास 72, निर्दलीय 13, बीटीपी 2, सीपीएम 2, व शेष अन्य विधायक हैं। इन 200 में से 1 विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी हैं।
अब देखिए कि गहलोत सरका क्यूं नहीं गिर पा रही, और इतने बड़े राजनीतिक संकट के बाद भी भाजपा सरकार को बहुमत साबित करने की मांग क्यूं नहीं कर रही।
इस खेल को नंबर से ही समझा जा सकता है। गहलोत खेमे में बहुमत के लिए आव्ष्यक 101 विधायक मौजूद हैं। इसलिए बीजपेह वेट एंड वाॅच कर रही है।
बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल से मिलकर आने के बाद एक महत्वपूर्ण बात कही कि
– अगर सरकार के पास नंबर हैं, तो बाड़े बंदी की किसने कहा, बाड़ा खोल कर देखें, पंछी उड़-उड़ कर किस डाल पर बैंठेंगे यह समय बता देगा।
ब्स इस सारे खेल से जुड़े सारे प्रश्न और प्रश्नों से जुड़े सारे उत्तर भाजपा नेता की इस बात में है। जो समय के साथ-साथ ही सामने आएगा।

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