मानसिक शक्ति

किसी की मदद के लिए बढ़े हाथ कितने उपयोगी होते है इसका एक उदाहरण मुझे पढऩे का अवसर प्राप्त हुआ। एक अमीर शक्स के निवास के बाहर एक बूढ़ा गरीब वृद्ध भरी सर्दी में कम वस्त्र पहने ठंड से ठिठुरता हुआ बैठा था। अमीर शक्स जब घर में प्रवेश कर रहा था तो यकायक ही उसकी नजर उस वृद्ध पर पडी। उसे ठिठुरता देख उस अमीर शक्स ने उससे पूछा तुम्हे बाहर बहुत ठंड महसूस हो रही होगी तुमने कोई कोट भी नहीं पहना है? वृद्ध ने जवाब दिया,मेरे पास कोट नहीं है और ना ही उसे खरीद कर पहन सकता हूं। अमीर शक्स का दिल पसीजा वह बोला, रुको। मैं अभी अपने घर से तुम्हारे लिए एक कोट ले कर आता हूं। वृद्ध के चेहरे पर खुशी की चमक उठी और वह अब इंतजार करने लगा उस अमीर शक्स के वापस आने का।
अमीर शक्स अपने निवास में गया और अपने दैनिक कार्यो में व्यस्त हो गया और बाहर किए उस वादे को भुल गया। सुबह उसे उस गरीब वृद्ध व्यक्ति की याद आई और वह उसे खोजने निकला लेकिन ठंड के कारण उसने घर के बाहर मृत पाया। उसे अफसोस हुआ लेकिन उस वृद्ध की मृत देह के पास एक चि_ी लिखी हुई पढ़ी थी और शायद यहीं इस उदाहरण का मर्म है जिसे मैं आपसे शेयर कर रहा था। उसमें लिखा था जब मेरे पास कोई गर्म कपड़े नहीं थे, तो मेरे पास ठंड से लडऩे की मानसिक शक्ति थी। लेकिन जब आपने मुझे मेरी मदद करने का वादा किया, तो मैं आपके वादे से जुड़ गया और इसने मेरी मानसिक शक्ति को खत्म कर दिया। अमीर शक्स को अपनी भूल का अहसास हुआ लेकिन समय निकल चुका था। अमीर शक्स को इससे एक जीवन की सीख मिल चुकी थी अगर आप अपना वादा नहीं निभा सकते तो कुछ भी वादा न करें। आपके द्वारा किसी को किया गया वायदा आप के लिये साधारण हो सकता है,लेकिन यह सामनेवाले के लिए सब कुछ हो सकता है। मदद के लिए उठे हाथो को कार्य की संपूर्णता तक आपको स्मरण में रखकर वह कार्य करना चाहिए। जीवन में संकल्पित होने के पूर्व दया भाव के मर्म को हमें समझना ही होगा।

DINESH K.GARG 9414004630
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