*रूस के यूक्रेन पर हमले से यूक्रेन को भारी नुक़सान हुआ है। इसके बावजूदअब तक भी यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है हम अंतिम समय तक झुकेंगे नहीं। यूक्रेन की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के राष्ट्रपति विश्व के अन्य शक्तिशाली देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन के नागरिकों से भी रूस के खिलाफ युद्ध में भाग लेने की अपील की*।
*यूक्रेन की ऐसी दुर्दशा के लिए वहां का नेतृत्व यानि राष्ट्रपति तो जिम्मेदार है। लेकिन वहां की जनता भी जवाबदार है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में नेतृत्व चुनने का चुनाव वहां के नागरिक करते हैं। और जब योग्य तथा अनुभवी व्यक्तियों को दरकिनार कर किसी लोभ लालच या भावनाओं में आकर कम योग्य व्यक्ति का चुनाव कर लिया जाता है। तो दुर्दशा व बर्बादी के लिए किसी दूसरे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता*।
*यूक्रेन के वर्तमान राष्ट्रपति की उम्र 44 वर्ष है राजनीति में उनका आगमन अचानक ही हुआ राजनीति में वे किसी पद पर नहीं रहे । सन् 2018 उन्होंने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा और विजयी हुए। राजनीति मे आने से पहले वे फिल्म कोमेडियन , एक्टर थे। भारत में ” नायक ” नामक एक फिल्म बनी थी । जिसमें अनिल कपूर किसी राज्य के एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। एक दिन के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचारियो के खिलाफ जोरदार मुहिम छेड़ी तथा आम जनता व गरीबों के कल्याण के कार्य कर आम जनता का दिल जीत लिया था।*
*इसी प्रकार का सीरियल यूक्रेन में बना जो सन् 2015 से 2019 तक प्रसारित हुआ जिसका नाम था। ” सर्वेंट आफ दी पीपुल ” जिसमें ब्लादीमिर जेलेंस्की ने अभिनय किया। यह सीरियल यूक्रेन में बहुत लोकप्रिय हुई*।
*यूक्रेन में भ्रष्टाचार बहुत फैला हुआ था। भ्रष्टाचार में डूबे यूक्रेन के लोगों को जेलेंस्की के नेतृत्व में यूक्रेन का सुनहरा भविष्य दिखाई देने लगा। यूक्रेन की जनता को लगा कि, जेलेंस्की राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन की दशा सुधर जायेगी। चुनावों की घोषणा होने पर जेलेंस्की अपना एक नया राजनीतिक दल ” सर्वेट आफ दी पीपुल” बनाया और चुनाव मैदान में उतर गए। देश की जनता ने नए नवेले नोसिखिऐ उम्मीदवार, जिन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं , उन्हें चुनाव जीता दिया। जेलेंस्की राष्ट्रपति बन गऐ।*
*विश्व के बड़े-बड़े नेता चाणक्य नीति की पुस्तक से शिक्षा लेते हैं। चाणक्य नीति में अपने से बड़े व शक्तिशाली के कैसे व्यवहार करना चाहिए यह समझाया गया है। यदि जेलेंस्की थोड़ी बहुत भी चाणक्य नीति या विदुर नीति जैसी महान् पुस्तक से शिक्षा लेते तो शायद युद्ध की स्थिति नहीं आती*।
*यूक्रेन की वर्तमान दुर्दशा निर्दोषों के खून, युद्ध के लिए राष्ट्रपति के साथ ही वहां के नागरिक भी जिम्मेदार माने जाएंगे*
*हीरालाल नाहर पत्रकार*
*9929686902*