कंप्यूटर संचार क्रांति पंचायती राज के सशक्तिकरण के प्रणेता एवं युवाओं को 18 वर्ष की आयु में मताधिकार देने वाले राजीव रत्न गांधी

dr. j k garg
प्रधानमंत्री रहते हुए स्व गांधी ने कई महत्वपूर्ण काम किए जिन्होंने देश के विकास को नई दिशा प्रदान की | स्व गांधी मानते थे कि युवा पीढ़ी ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा इसके लिए उनको कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और विज्ञान की शिक्षा देना जरूरी है । कंप्यूटर की कीमतें घटाने के लिए राजीव ने इसे सरकारी नियंत्रण से बाहर निकल दिया और असेंबल कंप्यूटर का आयात शुरू किया । बड़ी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल में ही हुई । राजीव जी जानते थे कि गांवों को सशक्त बनाने और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों को सत्ता में वही स्थान मिलना चाहिये जो संसद और विधानसभा का है । राजीव ने ही पंचायती राज अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीकृत सत्ता का विकेंद्रीकरण करके पंचायतों को कई महत्त्वपूर्ण और वित्तीय अधिकार दिये थे | अयोध्या में विवादित स्थल का ताला खुलवाया उन्होंने सनातनधर्मी यों की नाराजगी को दूरकरने के लिए अयोध्या के विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया और 1989 में राम मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास की इजाजत भी दे दी । युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहर रोजगार योजना को शुरू किया था | राजीव ने 1986 की शिक्षा नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लाखों बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाहर नवोदय स्कूल प्रारम्भ किये है और आज तो स्थिति ऐसी है कि शहरी क्षेत्र के बच्चे भी नवोदय स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं ।

इंदिरा गांधी एवं फिरोज गांधी के ज्येष्ठ पुत्र राजीव का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था | राजीव गांधी बचपन में बहुत ही संकोची स्वभाव के थे। जब वे दून स्कूल में पढ़ रहे थे, तब उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार उनसे मिलने स्कूल पहुंचे तो राजीव बाथरूम की बास्केट में छिप गए थे। राजनीति में आने से पहले राजीव गांधी एयरलाइंस में पायलट की नौकरी करते थे। |

राजीव का पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था उनका यह नाम उनके नाना नेहरूजी ने रखा क्योंकि नेहरू जी की पत्नी का नाम कमला था और राजीव का मतलब कमल होता है कमला की याद को ताजा बनाए रखने के लिए नेहरू जी ने राजीव नाम रखा था | राजीव गांधी संगीत प्रेमी थे | उनको पश्चिमी संगीत के साथ हिन्दुस्तानी शास्त्रीय एवं आधुनिक संगीत पसंद था | लन्दन में राजीव गांधी की मुलाकात एड्विगो मानिओ से हुई थी. 1968 में राजीव गांधी ने उनसे शादी कर ली और उनका नाम ये नाम बदलकर सोनिया गांधी रखा गया | राजीव और सोनिया के पुत्र और पुत्री राहुल और प्रियंका है | राजीव गांधी का स्वभाव स्नेहमय सहनशील और सरल था वे जन्म से ही दयालु और करुणा मय व्यक्ति थे स्वर्गीय राजीव गांधी एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, किन्तु जनमानस के ह्रदय पर भी राज किया। स्व. राजीव गांधी ही वो इंसान थे जिन्होंने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था। स्वभाव से धीर गंभीर किन्तु आधुनिक सोच एवं तार्किक क्षमता के धनी राजीव ने बीसवीं सदी में ही हिन्दुस्तान को 21 वीं सदी का उन्नत राष्ट्र बनाने का सपना संजोया था | वे देश की कंप्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। रेलवे का कम्प्यूटरीकरण करके उन्होंने इस देश के सामने क्रांतिकारी परिवर्तन करके रख दिया।

40 वर्ष की अल्पआयु में ही में राजीव गांधी विशाल जनादेश के साथ भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बन गये थे | उस चुनाव में कांग्रेस को 508 में से रिकॉर्ड 401 सीटें प्राप्त हुई थी। स्मरणीय रहे कि राजीव गांधी राजनीति में आने अनिच्छुक थे किन्तु उनके छोटे भाई संजय की अकाल म्रत्यु की वजह से परिस्थतीयां ऐसी बनी कि उन्हें राजनीति में जबरन प्रवेश करना पड़ा। राजीव गांधी को अपने नाना नेहरु की तरह सुरक्षाकर्मियों का घेरा बिलकुल पसंद नहीं था। वे अपनी जीप और कार खुद ड्राइव करना पसंद करते थे। राजीव गांधी को अपने नाना से ‘आराम हराम है’ और अपने पिता से ‘अपना काम खुद करो’ की प्रेरणा मिली थी। विकास को पसंद करने वाले युवा राजीव गांधी ने अपने मन में भारत को मजबूत, आत्मनिर्भर और तकनीकी विकास के मार्ग तेज रफ्तार से दौड़ता मुल्क बनाने का सपना संजोये रक्खा । इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण उनके जीवन का प्रमुख लक्ष्य था |

राजीव गांधी सौम्य एवं निर्मल स्वभाव के दूरदर्शी राजनेता थे और किसी भी निर्णय में जल्दबाजी नहीं करते थे और निर्णय लेने से पहले पार्टी के नेताओं से गहन सलाह मशविरा करते थे क्योंकि उनके दिल मे लोकतंत्र की भावना समाई हुई थी | उन्होंने जो सोचा और किया वो वो पुराने ढर्रे की राजनीति से एक दम अलग था। उन्होंने दिल्ली शासन के तंग गलियारों से बाहर निकलकर देश के गांवों में जाकर वहां के निवासियों से बात करके देश की नब्ज को टटोलना शुरू किया। वे अपने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर व विचार-विमर्श करके ही किसी निर्णय पर पहुंचते थे | वर्तमान के सत्ताधारी शासन के विपरीत उनके स्वभाव में खुद का एकाधिकार की प्रवति उनमें बिलकुल नहीं थी ।

राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो जनता से सीधे जुड़े थे और एक ऐसे नेता के रूप में विख्यात थे जिनकी पहुंच देश के आम आदमी के हृदय तक थी। राजीव गांधी ने देश के गरीबों के उत्थान के लिए 1 अप्रैल 1989 को जवाहर रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा आवास योजना और 10 लाख कुआं जैसी योजनाएं चालू कीं। लोग राजीव गांधी को देखने व सुनने के लिए टीवी देखा करते थे। एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसने उस दौर में पंजाब की यात्रा की, जब देश की खुफिया एजेंसियों ने ऐसा करने से उनको मना किया था। राजीव गांधी ने पंजाब समस्या के समाधान को प्राथमिकता देते हुए 24 जुलाई, 1985 को अकाली दल के अध्यक्ष संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के साथ समझौता करके अशांत पंजाब में शांती और सौहार्द के वातावरण का निर्माण किया | राजीव गांधी वो इन्सान थे, जो जब यात्रा पर जाते थे तो तय रास्ते से अलग होकर गांवों में जाते और आम आदमी के घरों में जाना और हर व्यक्ति से हाथ मिलाना जैसे उनको अपनी मां और नाना से विरासत में मिला था।

नवंबर 1982 में भारत में आयोजित सफल एशियाई खेलों के संचालन में उनकी महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका थी | प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी अपनी माता इंदिरा गांधी से अधिक व्यावहारिक और उदार थे | लालफीताशाही पर लगाम लगाकर और नीतिगत बदलाव के जरिये उन्होंने निजी क्षेत्र को औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के विस्तार की अनुमति दी | कालांतर में यही दिशा 1990 के दशक में व्यापक आर्थिक उदारवाद और मुक्त व्यापार का आधार बनी जिसे नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने आगे बढ़ाया | वर्ष 1986 में मिजोरम में लालडेंगा के नेतृत्व में दशकों से चल रहे अलगाववादी हिंसक आंदोलन को मिजोरम समझौते के द्वारा खत्म कर राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था की पुनर्स्थापना राजीव गांधी की बड़ी सफलता मानी जाती है | असम गणतन्त्र परिषद के साथ असम समझोता उन्होंने ही किया था, समझोते के बाद हुए चुनाव में विपक्ष की जीत और कोग्रेस की हार पर उन्होंने कहा कि भले ही उनकी पार्टी हार गई हो किन्तु प्रजातंत्र जीत गया है | जब राजीव ने भारत में कम्प्युटर क्रांति का सूत्रपात किया था तब तत्कालीन विपक्षी पार्टी एवं वर्तमान शासक दल के नेताओं नेयथा जिनमें अटलबिहारी बाजपेयी अडवानी और राष्ट्रीय सेवा संघ ने मखोल उड़ाया और उन्हें नोसिखिया बालक कहा |

80 के शतक के युवा सम्राट राजीव गांधी ने सही कहा था कि “ कोइ भी साम्प्रदायिक अथवा धार्मिक संस्था जो धर्म निरपेक्षता का विरोध करती हो, या कोइ भी राजनीतिक ताकत जो साम्प्रदायिक या धार्मिक हितों का आसरा लेती, उसे किसी भी सूरत मै राष्ट्र को कमजोर बनाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए” | समय ने प्रमाणित कर दिया कि राजीव दूरदर्शी नेता थे | ईगो की भावना से राजीव मुक्त थे उन्होंने कभी नहीं कहा कि मैने यह किया मैने वो किया किन्तु वे कहा करते थे कि हमें ऐसा या हमें वैसा करना है |

राजीव शालीनता की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने कभी भी अपने किसी भी राजनेतिक विरोधिके प्रति अनर्गल एवं कर्कश शब्दों का प्रयोग नहीं किया | राजीव को जब मालुम पड़ा कि अटलजी गम्भीर रोगसे ग्रस्त है तो उन्होंने उन्हें उयु एन ओ जाने वाले देलीएष्ण का सदस्य बना कर उनको अमेरिका भेजा और राजदूत को निर्देश दिय की उनका उपचार राजकीय खर्चे से करवायी जाये | राजीव के राजनेतिक विरोधी श्री अटलबिहारी वाजपेयीजी ने कहा था कि अगर वे आज जिन्दा है तो इसकी वजह राजीव ही है |लोग उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। राजीव ने राजनीति में भी नैतिकता को सर्वोच्च स्थान दिया, बोफोर्स कांड के आरोपी के बीच संसद भंग कर नये चुनाव करवाने का जज्बा उन्हीं में था |

बोफोर्स कांड की कई वर्षों तक उनके विरोधीयों दुवारा करवाई गई जाँच में उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिले थे इस जाँच को करवाने में करदाताओं के करोडों रूपये बर्बाद हो गये | सीधे सच्चे ईमानदार राजीव विरोधियों एवं मीडिया के झूठे कुत्सित प्रचार के शिकार बन गये| 1989 में हुये लोकसभा चुनाव में 195 सीटे जितने और सबसे बड़े दल के नेता होने के बावजूद उन्होंने कहा कि जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है इसलिए उन्होंने विरोधी पक्ष में बेठने का फेसला करके स्वस्थ लोकतान्त्रिक परम्परा स्थापित की थी | वहीं आज येनकेन प्रकारेण सत्ता प्राप्त का निर्लज्ज प्रदर्शन हो रहा है |

राजीव ने ही भारत को विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया था। उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति के प्रयास किए और इस देश में भाषा के आधार पर हो रहे बिखराव को भी रोका। इसी का परिणाम था कि राजीव गांधी ने श्रीलंका में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सैन्य टुकड़ियों को भेजा लेकिन इसके नतीजे में वे खुद लिट्‌टे के निशाने पर आ गए और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। 21 मई, 1991 को राजीव गांधी एक रैली को संबोधित करने के लिए चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबुदूर में पहुंचे. इन्हीं में एक लिट्टे सदस्य धनु भी थी | राजीव गांधी के आसपास काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद धनु धनु ने गाँधी के पैर छूये और एकाएक बम फट गया जिसको धनु ने जो कि उस अपने कपड़ों में छुपाया हुआ था | राजीव गाँधी समेत 17 अन्य लोग भी काल के ग्रास बन गये | इसी कारण से 21 मई, राजीव गांधी बलिदान दिवस को आतंकवाद वि‍‍रोधी दि‍वस के रूप में भी मनाया जाता है। राजीव भी भी अपनी माँ इंदिराजी के जैसे आतंकवाद के शिकार बनें | उन्हें ” भारत रत्न” से भी नवाजा गया था.कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कुछ लोग दिलों पर। राजीव् ने लोगों के दिल्लों में अपने को बसाया स्वर्गीय राजीव गांधी एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, किन्तु जनमानस के ह्रदय पर भी राज किया। समूचा राष्ट्र राजीव गांधी को उनके 78 वें जन्म दिन पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता है |

डा. जे. के. गर्ग
पूर्व संयुक्त निदेशक कालेज शिक्षा जयपुर

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