माननीय गिरफ्तार हो गए

माननीय गिरफ्तार हो गए .अपनों से ,अपनों ने ,अपनों के कारण माननीय गिरफ्तार हो गए.गिरफ्तारी में क्या अपनापन था .होने वाला पुलिस ,करने वाला पुलिस ,इधर भी पुलिस उधर भी पुलिस .बड़ा मजा आया क्योंकि खेल चोर -पुलिस का नहीं, पुलिस -पुलिस का था .चोर -चोर मौसेरे भाई नहीं ,पुलिस -पुलिस सगे भाई सिध्द करनें के लिए माननीय गिरफ्तार हो गए.

माननीय लेते हुए गिरफ्तार हुए है . उन्होंने शपथ ली ,वर्दी ली ,यहाँ तक की बिना काम का वेतन भी लिया ,जिसनें जो कुछ दिया बड़े प्यार से लिया पर इस बार लेते हुए इस बात का नोंटिस नहीं लिया की लेने के चक्कर में लेने के देने पड़ जायेंगें .लेते हुए पकडे गए हैं ,हो सकता है देते हुए छूट जाएँ .लेंन -देंन की महीमा अपरम्पार है .फिलहाल माननीय लेते हुए गिरफ्तार हुए है .

वे रंगे हाथों पकडे गए हैं .पर सोचनें वाली बात ये है जब उनका हाथ दूसरों की जेब में था तो रंग दिखा कैसे ? हालांकि कालिख -प्रूफ होने के बावजूद चेहरें पर कुछ कालिख जरूर दिख रही थी ,लगता है चेहरें को बचानें के चक्कर में सारी तोहमत हाथ पर लगा दी .क्योंकि इस किस्सें में सारा दोष हाथ का है .

माननीय ने क़ानून के हाथ मजबूत किये थे ,गब्बर सिंह स्टाइल में लोगों को बताया था ये हाथ नहीं हथोंडा है ,फांसी का फंदा है …और आज क़ानून उसी हाथ का वास्ता देकर कह रहा है ‘हमारे हाथ बंधे हुए है ‘ तो क्या करें..? जब तक ये हाथ आपस में नहीं मिल जाते तब तक तो माननीय क़ानून के हत्थे चड़े ही हुयें हैं .माननीय आज सोच रहे है सचमुच क़ानून कितना अंधा है ,जो अपनों को नहीं पहचानता .अगर उन्हें पता होता तो जिस वक्त वो क़ानून की टांग तोडा करते थे ,लगे हाथ हाथ भी तोड़ देते,परन्तु आलस्य कर गए सोचा क़ानून के हाथ लम्बें हैं कौन तोड़े ,छोड़ो वेसे भी वे खुद क़ानून के प्रहरी ,रक्षक ,कवच ऊपर से नीचे तक क़ानून है ..क़ानून की पहुँच से बहार हैं किसी के क्या हाथ आयेगें .

माननीय गिरफ्तार होनें के बाद फिर सरकारी गाडी में सवार हैं ,लेकिन इस बार उस गाडी में जो उनकी जगह सवार हैं वो आज उन पर सवार हैं .सरकारी गाड़ियों में सवारी करते -करते ये भूत उनके दिमाग पे सवार था की गिरेगा सवार पैदल क्या गिरेगा . वे गिरे तो पता चला वे पहले ही काफी गिरें हुयें हें .अब गिरकर गाडी पर सवार हुए हैं यानी की वे गिफ्तार हैं .
उनकी गिफ्तारी जूलूस कम झांकी ज्यादा नजर आ रही हैं .लोग उनके दर्शन को लाल यित है.क्योंकि उन्होंने सत्य के दर्शन करवाए ,बड़े लोग केसे खाते हैं कैसे कमाते हैं ,वर्दी का सच क्या है ,सच के लिए वो गिरफ्तार हुए हैं ,इसीलिये उनके चेहरे पे अभी भी चमक है मानों कह रहे हों मेरे गिरफ्तार होने का मतलब ‘सत्यमेव जयते..’ माननीय सत्य के लिए गिरफ्तार हुयें हैं .
-रास बिहारी गौड 

1 thought on “माननीय गिरफ्तार हो गए”

Comments are closed.

error: Content is protected !!