सुशासन के लिए प्रक्रिया पर ध्यान देना जरूरी

केशवराम सिंघल
केशवराम सिंघल

आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता (Quality of life of common people) बढ़ाने के लिए सुशासन (good governance) बहुत जरूरी है. और सुशासन के लिए प्रक्रिया पर ध्यान देना जरूरी है. मैं राजस्थान सरकार के एक विभाग की प्रक्रिया पर चर्चा करना चाहता हूँ. मैं सोचता हूँ कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, अजमैर, राजस्थान की एक प्रक्रिया पर विचार करने की जरूरत है. यह विभाग दो माह में एक बार जल उपभोग विपत्र भेजता है. जो जल उपभोग प्रपत्र नागरिकों को मिलता है, उसमें दो भाग होते हैं – एक भाग प्राप्ति-पार्श्व (उपभोक्ता) और दूसरा भाग प्राप्ति-पार्श्व (विभागीय). पर दुःख इस बात का है कि विभाग में बिल की राशि जमा कराते वक्त अनावश्यक समय और कागज की बरबादी की जाती है, जिसे बचाया जां सकता है. प्राप्ति के लिए उपभोक्ता को अलग से रसीद बनायी जाती है, जिसके लिए दो सरकारी कर्मचारी तैनात होते हैं – एक राशि लेता है और दूसरा सरकारी रसीद की किताब से रसीद फाड़कर विभागीय रसीद के नीचे रखता है, कार्बन लगाता है और फिर उपभोक्ता का नाम, सेवा क्रमांक, खाता संख्या, शब्दों और अंकों में राशि लिखता है और फिर रसीद उस कर्मचारी को देता है जो राशि लेता है. राशि लेने वाला कर्मचारी रसीद पर हस्ताक्षर कर रसीद ग्राहक को देता है.
queइस सारे काम में अनावश्यक समय, कागज और मानव श्रम की बरबादी होती है जिसे बचाया जां सकता है. इस प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है. विभाग को चाहिये कि उपभोक्ता को भेजे जाने वाले जल उपभोग विपत्र के पहले भाग प्राप्ति-पार्श्व (उपभोक्ता) पर मुहर लगा हस्ताक्षर कर रसीद उपभोक्ता को दे और दूसरा भाग प्राप्ति-पार्श्व (विभागीय) पर मुहर लगा हस्ताक्षर कर विभाग अभिलेख के लिए रखे, ना कि अलग से रसीद बनाए. इस प्रकार समय, कागज और मानव श्रम की बचत होगी क्योंकि जो काम दो कर्मचारी कर रहे हैं, वह् काम एक कर्मचारी कागज की बचत के साथ कम समय में कर सकेगा.

एक और सुझाव यह भी है कि पानी के बिलों के ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी प्रारम्भ की जानी चाहिये, ताकि उपभोक्ताओं को लम्बी लाईनों में खड़े होने से निजात मिल सके.
-केशव राम सिंघल 

2 thoughts on “सुशासन के लिए प्रक्रिया पर ध्यान देना जरूरी”

  1. Thanks for the support from Ajmer Nama.
    I have also received a message at my Facebook account from आपका मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) – “All the suggestions are welcome – Admin”.

  2. मेरा यह लेख 17 मार्च 2013 को अजमेरनामा में छपा. अप्रैल 2013 में मुझे पानी का ग़लत बिल प्राप्त हुया, जिसे मैंने विभाग के कार्यालय से जाकर सुधरवाया और फिर विभाग में ही राशि जमा करवाई.

    मुझे दुःख होता है कि विभाग अभी भी वही पुरानी प्रक्रिया अपना रहा है, जिसका मैंने अपने लेख में वर्णन किया था और समय, कागज और कार्बन की बर्बादी हो रही है. मैं आशा करता हूँ कि विभाग अपनी प्रक्रिया सुधारने की कार्रवाई करेगा और साथ ही पानी के बिल जमा कराने की ऑनलाइन सुविधा भी चालू करेगा.

    धन्यवाद,

    केशव राम सिंघल

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