चीन ने नए वायु रक्षा क्षेत्र में भेजे लड़ाकू विमान

jet-fighter-planesबीजिंग। चीन ने अब अपने नए वायु रक्षा क्षेत्र में लड़ाकू विमान भेज दिए हैं। एकतरफा घोषित इस क्षेत्र को अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के विमानों ने चुनौती दी थी। चीन ने यह कदम रक्षात्मक उपायों के तहत उठाया है।

चीनी वायु सेना के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के कई लड़ाकू और एक पूर्व चेतावनी विमान को भेजा गया है। ये विमान पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा क्षेत्र [एडीआइजे] में सामान्य रूप से गश्त कर रहे हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, कर्नल शेन जिंक ने इस कदम को रक्षात्मक उपाय करार दिया है। उन्होंने कहा कि देश की वायु सेना हाई एलर्ट रहेगी और हवाई खतरों से देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए मजबूती से उपाय करेगी। चीन ने हाल में ही अपने हवाई रक्षा क्षेत्र का विस्तार पूर्वी चीन सागर तक करने की घोषणा की थी। इसी क्षेत्र में वह विवादित द्वीप समूह भी स्थित है जिसे चीन में दियाओउ और जापान में सेनकाकू कहा जाता है। चीन ने इस घोषणा के साथ ही धमकी दी थी कि बिना पूर्व सूचना के अगर कोई विमान इस क्षेत्र में दाखिल होता है तो उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई हो सकती है। उसकी इस चेतावनी को चुनौती देते हुए गत मंगलवार को अमेरिका के दो बी-52 बमवर्षक विमानों ने उस क्षेत्र में उड़ान भरी थी। इसके दूसरे दिन जापान और दक्षिण कोरिया के सैन्य विमानों ने भी इसका उल्लंघन किया।

इस बीच चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजून ने कहा कि यदि जापान इसी तरह के अपने वायु क्षेत्र को हटा लेता है तो चीन अपने नए क्षेत्र को रद करने पर विचार कर सकता है। चीनी प्रवक्ता का यह बयान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी की ओर से इसे वापस लिए जाने की मांग पर पूछे गए सवाल पर आया है। उन्होंने कहा कि जापान 44 वर्ष पूर्व 1969 में इसी प्रकार का वायु रक्षा क्षेत्र स्थापित कर चुका है। इसलिए चीन के एडीआइजे पर टिप्पणी करने का उसे अधिकार नहीं है।

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