तालिबान की मुखालफत करने वाली पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई को उसकी बहादुरी और स्वात घाटी में प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सोमवार रात हाउस ऑफ लार्ड्स के चोलमंडले रूम में वर्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रिंस अली खान ने प्रदान किया।
मलाला की तरफ से यह पुरस्कार ब्रिटेन में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त एस जुल्फिकार गरदेजी ने ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार मलाला या उसके परिवार को ग्रहण करना चाहिए। उनकी अनुपस्थिति में मैं इसे ग्रहण कर मलाला तक पहुंचाऊंगा। गत नौ अक्टूबर को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तालिबान के आतंकियों ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी। उसका इलाज पहले रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में चल रहा था।
बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे ब्रिटेन भेज दिया गया। फिलहाल उसका इलाज बर्मिघम के क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल में चल रहा है। वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अन्य लोगों में ब्रिटेन के मुस्लिम मनोविज्ञानी, तुर्की के प्रख्यात शिक्षाविद् और आठ साल के जोश अल्तमान शामिल हैं।
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