अमेरिका के कनेक्टिकट राज्य में न्यूटाउन के स्कूल में शुक्रवार को हुई गोलीबारी की घटना को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने शासनकाल का सबसे बदतर दिन करार दिया है। न्यूटाउन पहुंचे ओबामा ने मृतकों के परिवार वालों से कहा कि भले ही उनके शब्द पीड़ितों के दर्द को कम नहीं कर सकते, लेकिन वह पीड़ितों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका वासी किसी भी सूरत में अकेले नहीं है। ओबामा हर कदम पर उनके साथ खड़े हैं। यहीं नहीं उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि अब इस तरह के मंजर का अंत होना चाहिए। इसको लेकर कड़े कदम उठाने का वक्त आ गया है।
इधर, अमेरिका में हथियार कानून में संशोधन को लेकर ओबामा प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। शुक्रवार को अमेरिका में हुई गोलीबारी की घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 20 बच्चे थे। इससे पहले इसी वर्ष कोलोराडो के सिनेमाघर और विस्कांसिन के गुरुद्वारे में इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं। बताया जाता है कि साल भर में यहां गोलीबारी तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
20 वर्षीय एडम लैंजा की पहचान उस एकमात्र बंदूकधारी के रूप में हुई है जिसने घर में अपनी मां की हत्या करने के बाद न्यूटाउन के सैंडी हुक प्राथमिक विद्यालय में अंधाधुंध गोलीबारी कर पांच से 10 वर्ष की उम्र के 20 बच्चों की हत्या कर दी। गोलीबारी में छह शिक्षक भी मारे गए।
इस घटना से अमेरिका में शोक की लहर दौड़ गई। घटना के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रेस कांफ्रेंस में उनकी आखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने की दिशा में कार्य किए जाने की जरूरत है।
उधर, हथियार पर नियंत्रण का समर्थन करते हुए करीब 200 लोगों ने ह्वाइट हाउस के बाहर रैली निकाली। न्यूयॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कहा है कि ओबामा को हथियार कानून में संशोधन का प्रस्ताव संसद [कांग्रेस] के समक्ष भेजना चाहिए।