मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को आज सुनाई जाएगी सजा

 

मुंबई हमलों के आरोपी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के साथी तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका के शिकागो की अदालत में सजा सुनाई जाएगी। राणा पर डेनमार्क के एक अखबार के दफ्तर पर हमले की साजिश रचने और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने का आरोप है।

शिकागो अदालत की संघीय ग्रांड ज्यूरी ने 52 साल के तहव्वुर राणा को डेनमार्क के अखबार जिंदाल्स पोस्टन पर जून 2011 में आतंकी हमले की साजिश रचने और लश्कर-ए-तैयबा को सहायता पहुंचाने का दोषी पाया था। पैगम्बर हजरत मुहम्मद का कार्टून छापने के कारण आतंकी संगठन ने अखबार को निशाना बनाने की साजिश रची थी।

राणा को 2008 में 26/11 मुंबई हमले में संलिप्तता के आरोप में 2009 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे शिकागो की अदालत ने इस आरोप से बरी कर दिया। हालांकि भारतीय जांचकर्ता राणा को अभी भी मुंबई हमले का आरोपी बनाए हुए हैं और उससे दोबारा पूछताछ करने की मांग कर रहे हैं।

कार्यकारी अमेरिकी अटॉर्नी गैरी शैपिरो ने सरकार की ओर से कोर्ट से राणा के लिए 30 साल कैद की सजा सुनाने का आदेश देने की अपील की है। वहीं, दूसरी तरफ राणा के वकील पैट्रिक डब्ल्यू ब्लेगन ने अपने पत्र में अपने अभियुक्त को जून, 2012 में पड़े दिल के दौरे का जिक्र करते हुए कम से कम सजा दिए जाने की अपील की है। पैट्रिक ने अपने पत्र में कहा है कि राणा की तबियत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। उसकी किडनी में भी परेशानी है और उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ने की भी आशंका है।

राणा के वकील ने दावा किया है कि मुंबई आतंकी हमले में शामिल डेविड हेडली एक झूठा आदमी है, जिसने अपने स्कूल के साथी राणा को धोखा दिया था। दोनों की दोस्ती खत्म हो गई है और भविष्य में वे एक-दूसरे से कभी संपर्क नहीं रखेंगे। अपने मुवक्किल राणा की सजा कम किए जाने की मांग करते हुए पैट्रिक ने कहा, डेविड हेडली के साथ दोस्ती के बाद भी राणा कभी हिंसक गतिविधियों में शामिल नहीं रहा है। उसे आतंकी संगठन को सामग्री मुहैया कराने के लिए सजा सुनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि राणा के दोस्त हेडली को भी आतंकी गतिविधियों को लेकर इसी महीने की 24 तारीख को सजा सुनाई जाएगी जिस पर राणा को आज सुनाई जाने वाली सजा का असर पड़ने की उम्मीद है।

-कौन है राणा?

शिकागो में व्यापार करने वाला राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उस पर मुंबई हमलों के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा के लिए 2005 से 2009 के बीच पैसे का इंतजाम करने का आरोप है।

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान में पढ़ा-लिखा और बड़ा हुआ। मेडिकल की डिग्री लेने के बाद वह पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर से जुड़ गया। 2001 में राणा और उसकी पत्नी ने कनाडा की नागरिकता ले ली। उसकी पत्नी भी डॉक्टर है। वर्ष 2009 में गिरफ्तारी से पहले राणा अमेरिका के शिकागो शहर में रहता था। वह ट्रेवल एजेंसी समेत कई धंधों में लिप्त था। तीन साल पहले राणा के बचपन के अपने दोस्त हेडली को मुंबई में अपनी ट्रेवल एजेंसी की शाखा खोलने में मदद की। आरोप है कि इस व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य था मुंबई हमलों के लिए लक्ष्यों की टोह लेना। हेडली पहले ही मुंबई हमलों की साजिश में शामिल होने की बात स्वीकार कर चुका है।

-कब क्या हुआ?

-18 अक्टूबर 2009 : एफबीआइ ने राणा को शिकागो में उसके घर से गिरफ्तार किया।

-27 अक्टूबर : एफबीआइ ने शपथ पत्र दाखिल कर शिकागो कोर्ट को बताया कि आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में और डेनमार्क के अखबार पर हमले की साजिश रचने के लिए राणा और हेडली का इस्तेमाल किया।

-30 नवंबर 2009 : राणा ने स्पष्ट रूप से मुंबई हमले में अपनी संलिप्तता से इन्कार किया।

-26 जनवरी 2010 : राणा ने तर्क देते हुए कोर्ट को बताया कि 26/11 और डेनिश अखबार पर हमले की योजना में उसका कोई हाथ नहीं है।

-9 फरवरी 2010 : राणा ने कोर्ट से शीघ्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए फिर से सुनवाई की मांग की।

-11 मार्च 2010 : कोर्ट ने राणा की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उस पर काफी गंभीर आरोप हैं।

-30 मार्च 2010 : राणा के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल ट्रायल का सामना करेगा।

-28 अप्रैल 2010 : सरकारी वकील ने मुंबई हमले को लेकर राणा की और सबूत पेश करने की मांग को खारिज कर दिया।

-25 अगस्त 2010 : राणा की सुनवाई स्थगित कर दी गई।

-7 जनवरी 2011 : बचाव पक्ष की मांग पर मामले की सुनवाई 16 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।

-23 मई 2011 : राणा के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष ने कहा कि राणा की मदद से हेडली ने मुंबई में अपने लक्ष्यों की रेकी की और उसके फोटो और वीडियो शूट किए।

-7 जून 2011 : एफबीआइ ने राणा से पूछताछ वाली वीडियो कोर्ट में पेश की जिसमें उसने कहा कि आइएसआइ ने मुंबई पर हमला करने वाले आतंकियों को हथियार दिए।

-10 जून 2011 : 26/11 मामले में कोर्ट ने राणा को बरी कर दिया।

-16 जनवरी 2013 : डेनमार्क के अखबार पर हमले की साजिश और लश्कर के लिए फंड इक्ट्ठा करने का दोषी करार दिया गया।

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