भारत ने सभी ड्रीमलाइनरों की उड़ानें रोकी

भारत ने एयरइंडिया के बेड़े में शामिल सभी छह ड्रीमलाइनरों की उड़ानों पर रोक लगा दी है। ड्रीमलाइनरों की उड़ान पर रोक का फैसला अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन [एफएए] की सलाह के बाद लिया गया।

उल्लेखनीय है कि जापान की आल निप्पन एयरवेज [एएनए] द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में बुधवार को तकनीकी खराबी सामने आने के बाद वहां सभी 17 ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी गई है। इस विमान की बैटरी में खराबी के बाद कॉकपिट में जलने की गंध आने से यात्रियों में अफरातफरी मच गई। इसके बाद पायलट को विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। इससे पहले सात जनवरी को बोस्टन में जापान एयरलाइंस के एक खाली खड़े ड्रीमलाइनर में आग की घटना सामने आई थी। तब भारत ने बोइंग से इन विमानों को लेकर अपनी गहरी चिंता जताई थी। जापान की दोनों एयरलाइनें ड्रीमलाइनर विमानों की सबसे बड़ी उपयोगकर्ता हैं।

इन घटनाओं के बाद भारत में भी ड्रीमलाइनर को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं। एयर इंडिया की ओर से इनकी भारी भरकम खरीद पर अब सवाल उठाए जाने लगे हैं। भारत में जो ड्रीमलाइनर आए हैं, उनमें भी कोई न कोई समस्या सामने आ रही है। आने के पहले ही महीने में इसके पावर इक्विपमेंट लिक्विड कूलिंग सिस्टम व इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम में खराबी दिखाई दी थी। इस बारे में नागरिक उड्डयन मंत्री संसद में बयान भी दे चुके हैं। इसके बावजूद एयर इंडिया इन्हें उड़ा रहा था। उसका तर्क था कि ड्रीमलाइनरों के उपयोग से किफायत हो रही है। बेहतर सुविधाओं के अलावा ये बड़े और हल्के हैं जिससे ईधन की कम खपत होती है।

नागरिक उड्डयन के महानिदेशक अरुण मिश्रा ने बताया कि एफएए द्वारा जारी सलाह के बाद हमने सभी छह ड्रीमलाइनरों की उड़ानों पर रोक का निर्णय लिया।

एयर इंडिया ने जनवरी 2006 में 27 ड्रीमलाइनर विमानों का ऑर्डर बोइंग को दिया था। सरकारी एयरलाइंस को अब तक छह ड्रीमलाइनर मिल चुके हैं। इन्हें दुबई, फ्रैंकफर्ट, पेरिस के अलावा घरेलू रूटों पर भी उड़ाया जा रहा है। सभी ड्रीमलाइनर 2016 तक एयर इंडिया को मिल जाएंगे।

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