प्रख्यात सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने यूरोप में एक ऐसा सुपर कंप्यूटर पेश किया है, जिसकी मेमोरी अत्यंत शक्तिशाली है। कैंब्रिज विश्वविद्यालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि हॉकिंग को उम्मीद है कि ‘कॉस्मस सुपर कंप्यूटर’ ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में मददगार होगा। अपने तरीके के इस पहले कंप्यूटर को एसजीआई ने तैयार किया है।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मैथमेटिकल साइंसेज में आयोजित न्यूमेरिकल कॉस्मोलॉजी 2012 कार्यशाला में यह कंप्यूटर पेश किया गया। इस अवसर पर हाकिंग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही ऐसी परिकल्पना मिल जाएगी जो सैद्धांतिक तौर पर ब्रह्मांड के बारे में हमें बहुत कुछ बता सकेगी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड विज्ञान अब एक सटीक विज्ञान है इसलिए हमें वास्तविक ब्रह्मांड के बारे म्रें पता लगाने के लिए या उसे महसूस करने के लिए कॉस्मस जैसी मशीनों का प्रयोग करना होगा।
यह कॉस्मस सुपर कंप्यूटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद का हिस्सा है, जो ब्रिटेन के खगोल विज्ञानियों और सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानियों की राष्ट्रीय सेवा संस्था है। न्यूमेरिकल कॉस्मोलॉजी 2012 कार्यशाल का आयोजन इंटेल के सहयोग से किया जा रहा है। हाकिंस ने आगे कहा कि मैं आशा करता हैं कि हम जल्द ही ब्रह्मांड के बारे में आखिरी सिद्धांत की खोेज कर लेंगे, जिसके मदद से हम यूनिवर्स के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी कर सकेंगे।