बरेली में दंगाः एक की मौत के बाद कर्फ्यू, स्कूल-कालेज बंद

कांवरियों का साउंड सिस्टम बंद कराने को लेकर हुए विवाद से पूरा बरेली जल उठा। बवाल बढ़ते देख रात 12 बजे प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया। अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज भी बंद करने का आदेश डीएम की तरफ से जारी कर दिया गया। जैसे जैसे रात ढलती गई वैसे वैसे दंगे की अफवाहों की बदौलत शहर के विभन्न इलाकों में माहौल बिगड़ता गया।

शाहबाद में मारपीट और पथराव के बाद मठ की चौकी इलाके से निकल रहे कांवरियों को दूसरे संप्रदाय के लोगों ने रोका तो वहां भी हालात बेकाबू हो गए। मारपीट, पथराव और फायरिंग के बाद कुछ दुकानों में आगजनी भी की गई, जिसमें रबड़ी टोला के 22 वर्षीय जरी कारीगर इमरान उर्फ अइये की मौत हो गई और एसपी सिटी समेत कई लोग घायल हो गए। डीएम ने भी इमरान की मौत की पुष्टि की है। कई कांवरिए भी पत्थर और छर्रे लगने से घायल हुए हैं जिन्हें शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कांवरियों ने बदायूं रोड पर भी जाम लगाकर वाहनों पर पथराव किया और खोखे जला दिए। सिटी स्टेशन के पास भी जाम लगा दिया। देर रात शहामतगंज इलाके में स्थित सब्जी मंडी और आजाद इंटर कॉलेज में आगजनी की गई। पीएसी के तीन जवान भी गोली लगने से घायल हुए हैं। जोगी नवादा इलाके में भी कई दुकानों को फूंक दिया गया। आंवला में भी उपद्रव हुआ और फायरिंग-पथराव के बाद कई दुकानों में आग लगा दी गई।

बताया जाता है कि शहर के ही ब्रह्मपुरा इलाके के कुछ कांवरियों की टोली कछला से गंगाजल लेकर लौटी थी। रात करीब आठ बजे अलका होटल के सामने वाली गली में शाहबाद इलाके से गुजरते वक्त दूसरे संप्रदाय के कुछ लोगों ने उनसे साउंड सिस्टम बंद करने को कहा। इसी बात पर विवाद हो गया। कुछ देर नोकझोंक के बाद बात बढ़ी तो आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने कुछ कांवर फोड़ दिए। इस पर दोनों पक्षों में मारपीट और पथराव शुरू हो गया। उपद्रवियों ने पान और चाय की एक-एक दुकान में भी तोड़फोड़ की।

पुलिस के पहुंचने के बाद शाहबाद में तो हालात पर काबू पा लिया गया, लेकिन इसी बीच मठ की चौकी इलाके में भी बवाल शुरू हो गया। यहां से गुजर रहे कांवरियों का रास्ता रोकने पर विवाद हुआ। मोहल्ला बाग अहमद अली का तालाब में रहने वालों ने कांवरियों को उधर से जाने देने से रोक दिया। जोगी नवादा के कांवरियों की यह टोली भी कछला से गंगाजल लेकर लौट रही थी। थोड़ी देर मारपीट और पथराव के बाद गोलियां चलनी शुरू हो गईं। इसी बीच उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और खोखों में आग लगा दी। टाल से लकड़ी निकालकर उन्हें आग के हवाले कर दिया।

उपद्रव की इस आग ने कुछ ही देर में गंगापुर को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। रात करीब 11 बजे यहां भी कई दुकानों में आग लगा दी गई। कई लोग इस उपद्रव में घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां उपद्रव शुरू होने के एक घंटे बाद तक पुलिस असहाय स्थिति में दिखी। बाद में कमिश्नर, आईजी, डीएम और डीआईजी के पहुंचने पर पुलिस फोर्स ने स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की, मगर समाचार लिखे जाने तक स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका था। देर रात शाहदाना और शहामतगंज चौराहे पर भी उपद्रवियों ने पथराव तथा फायिरंग शुरू कर दी।
इन घटनाओं की जानकारी मिलते ही बदायूं रोड पर भी कांवरियों ने जाम लगा दिया।

नेकपुर चीनी मिल के सामने प्राइवेट बस अड्डे पर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की। सड़क पर जा रहे वाहनों पर भी पथराव किया। यहां तमाम खोखों को आग के हवाले कर दिया। सिटी स्टेशन के पास भी कांवरियों ने जाम लगा दिया। यहां खोखे वगैरह भी जलाए गए। पुलिस ने सैकड़ों कांवरियों को सिटी स्टेशन परिसर में रुकवाकर सड़क साफ की, मगर वाहनों की आवाजाही रोक दी। प्रेमनगर इलाके में भी कांवरियों ने थाने का घेराव किया। बाद में बदायूं रोड पर पीएसी ने जाम खुलवाने के लिए लोगों को खदेड़ दिया।

‘पूरे शहर में तनाव को देखते हुए पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। माहौल को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।’ – मनीष चौहान, डीएम

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