मिस्र में सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, 22 मरे

मिस्त्र के तटीय शहर पोर्ट सईद में एक अदालत द्वारा 21 फुटबॉल प्रशंसकों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद हिंसा भड़क गई। फैसले के समर्थकों और विरोधियों के उग्र होकर आमने-सामने आ जाने की वजह से 22 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों अन्य घायल हुए हैं।

अदालत ने पिछले साल एक फरवरी को फुटबॉल मैच के बाद हुई हिंसा में सजा सुनाई है। पोर्ट सईद के फुटबॉल क्लब अल मसरी और काइरो के अल अहली के प्रशंसकों के भिड़ जाने की घटना 15 साल में अपने तरह की सबसे ज्यादा भीषण मामला था। इस दंगे में 74 लोगों की मौत हो गई थी। लोगों को लग रहा था कि इन्हें दोषमुक्त कर दिया जाएगा। जज ने कहा कि बाकी 52 लोगों को नौ मार्च को सजा सुनाई जाएगी। फैसले के समर्थकों ने हजारों की संख्या में सड़कों पर इकट्ठा होकर जश्न मनाया। मिस्त्र में पिछले दो दिनों से हिंसा फैली हुई है।

शुक्रवार को हजारों लोग होस्नी मुबारक केखिलाफ हुई क्रांति की दूसरी सालगिरह पर तहरीर चौक पर इकट्ठे हुए थे, जहां मारपीट शुरू हो गई। पोर्ट सईद के अधिकारियों ने बताया कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए सेना को लगाया गया है। स्वेज शहर में गृह मंत्रालय द्वारा नियंत्रण खो देने के बाद शुक्रवार रात सेना लगानी पड़ी थी। यहां हुए दंगे में कम से कम आठ लोगों के मारे जाने की खबर है।

अदालत के फैसले की खबर जैसे ही फैली जेल में बंद दोषियों के परिवारवाले इकट्ठे होने लगे। उनका सुरक्षाकर्मियों से संघर्ष शुरू हो गया। लोगों ने जेल तोड़ने का भी प्रयास किया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस, रबर की गोलियां और हवाई फायर करने पड़े। मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि दोषियों के समर्थकों ने पुलिस पर ऑटोमेटिक हथियारों से हमला बोला। दो पुलिसकर्मियों की जेल के बाहर गोली लगने से मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुल 22 लोग मारे गए हैं और 200 घायल हुए।

मिस्र के फुटबॉल स्टेडियम हादसे में 21 को मृत्युदंड

काइरो। मिस्र में एक अदालत ने पिछले वर्ष पोर्ट सईद के फुटबॉल स्टेडियम में हुए हादसे में 21 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। इस हादसे में 74 लोगों की मृत्यु हो गई थी।

जज सोभी अब्देल मैगुइड ने सजा पाने वाले 21 लोगों के नाम पढ़े। मृत्युदंड की सजा पाए लोगों के मामले समीक्षा के लिए मिस्र के शीर्ष धार्मिक अधिकारी के पास भेजे जाते हैं।

फुटबॉल प्रशंसकों और हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। उन्होंने धमकी दी थी कि फैसले से संतुष्ट नहीं होने पर देश में हिंसा भड़क सकती है। हालांकि फैसला सुनाए जाने के बाद पोर्ट सईद में भड़की हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें दो पुलिसकर्मी शामिल हैं। शहर की सड़कों पर बख्तरबंद वाहन और सैन्य पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि एक फरवरी, 2012 को ‘अल-अहली’ और ‘अल-मसरी’ फुटबॉल क्लब के समर्थकों के बीच श्रेष्ठता को लेकर हुई हिंसक झड़प में 74 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 73 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अन्य आरोपियों को सजा आगामी नौ मार्च को सुनाई जाएगी।

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