भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा करने चले थे मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध को पाकिस्तान के लिए बड़ी सैन्य सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान यदि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिका न गए होते तो पाकिस्तानी सेना भारत के 300 वर्ग मील के क्षेत्र पर कब्जा कर लेती। काश शरीफ हमारा साथ देते। पूर्व सैन्य शासक ने घुसपैठ की साजिश रचने के आरोपों के बीच कारगिल की लड़ाई को सही ठहराया।

एक समाचार चैनल से साक्षात्कार में मुशर्रफ ने कहा कि वह नवाज शरीफ पर विश्वासघात का आरोप नहीं लगा रहे हैं। लेकिन अभियान के दौरान शरीफ का अमेरिका जाना और इस युद्ध से पीछे हटने का उनका फैसला बड़ी भूल थी। अगर उन्होंने चूक नहीं की होती तो आज तस्वीर कुछ और होती। बकौल मुशर्रफ, कारगिल पर नवाज शरीफ ने राजनीतिक मोर्चा खो दिया था, जबकि हमने सैन्य दृष्टि से उसे जीत लिया था। ले. जनरल शाहिद अजीज के ऑपरेशन कारगिल के बारे में दूसरे कमांडरों को अंधेरे में रखने के आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘इसके बारे में सभी को बताना जरूरी नहीं था। अजीज असंतुलित शख्सियत हैं। मुझे हैरानी होती है कि वह उस युद्ध के बारे में 10 साल बाद लिख रहे हैं। यह किसी साजिश का हिस्सा लग रहा है।’

कारगिल युद्ध के समय आइएसआइ की एनालिसिस विंग की अगुआई करने वाले अजीज ने हाल ही में एक पाकिस्तानी अखबार में लिखे लेख में खुलासा किया था कि कारगिल में घुसपैठ की साजिश मुशर्रफ के नेतृत्व में चार जनरलों ने रची थी। मुशर्रफ ने दावा किया ‘कारगिल, गिलगित में तैनात मेजर जनरल के तहत आने वाले सेक्टरों में से ही एक था और वहां गोलीबारी होना सामान्य बात थी।’

ध्यान रहे कि कारगिल घुसपैठ को लेकर पाकिस्तान कहता आ रहा है कि 1999 में नियंत्रण रेखा पर आगे तक बढ़ने के लिए मुजाहिदीन जिम्मेदार थे। लेकिन मुर्शरफ ने बाद में अपनी आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर’ में स्वीकार किया था कि सेना के जवानों ने ही कारगिल में घुसपैठ किया था।

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