भारत को समर्थन पर ओबामा-रोमनी एकमत

विदेश नीति को लेकर भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी के बीच कितने ही मतभेद हों, लेकिन जब भारत और जापान को समर्थन देने की बात आती है तो दोनों एक राय रखते हैं। वाशिंगटन के प्रतिष्ठित थिंकटैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट की ओर से ओबामा और रोमनी के चुनाव अभियान पर आयोजित एक चर्चा में इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों उम्मीदवार पाकिस्तान के लिए अमेरिकी नीति पर
भी एक राय रखते हैं। अमेरिका में छह नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।

ओबामा के चुनाव अभियान की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति की सह अध्यक्ष मिशेल फ्लर्नी ने कहा, ‘भारत को दोनों पक्षों का समर्थन हासिल है। भारत हमारा महत्वपूर्ण सुरक्षा सहयोगी है। हमारे सैन्य संबंध बहुत करीबी नहीं रहे हैं, लेकिन इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।’ भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास के बारे में फ्लर्नी ने बताया, ‘नई दिल्ली ने किसी भी अन्य देश की अपेक्षा वाशिंगटन के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास किए हैं। दोनों देश समुद्री लुटेरों और अन्य खतरों से निपटने के लिए अब हिंद महासागर में पहले से भी ज्यादा सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि भारत एशिया में अमेरिका का ताकतवर सहयोगी है। ओबामा प्रशासन ने भारत के साथ संबंधों को काफी बढ़ावा दिया है। वहीं रोमनी के चुनाव अभियान के विदेश और रक्षा नीति के वरिष्ठ सलाहकार रिच विलियमसन ने फ्लर्नी के विचारों से सहमति जताते हुए भारत के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की तारीफ की। पाकिस्तान के मामले में दोनों पक्षों ने आम सहमति जताते हुए माना है कि वहां स्थिति काफी गंभीर है। विलियमसन ने कहा कि पाकिस्तान आज भी तालिबान को समर्थन दे रहा है, ऐसे में अमेरिकी प्रशासन को पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने से पहले सोचना चाहिए। साथ ही कई शर्तें भी लगानी चाहिए।

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