स्पेन: बेरोजगार खाने तक को मोहताज

आधिकारिक आंकड़ो के मुताबिक साल की दूसरी तिमाही में स्पेन में बरोजगारी की दर में 24.6 फीसद का इजाफा हुआ, और देश में बेरोजगारों की कुल तादाद लगभग 57 लाख के आसपास थी.

स्पेन में बेरोजगारी की दर यूरोजोन के सभी 17 सदस्य मुल्कों में सबसे ज्यादा है.

हालात कुछ ऐसे हैं कि नागरिकों को मुफ्त भोजन मुहैया करवाने वाली संस्थाओं के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है.

राजधानी मैड्रिड के एक प्रतिष्ठित इलाके में स्थित रेड क्रास के फूड बैंक में काम करने वाली लाओरा का कहना है, “पहले ज्यादातर विदेशी ही ये सहायता लेते थे. लेकिन हाल के दिनों में, खासतौर पर इस साल, वैसे लोगों की संख्या बढ़ी है जो स्पेन के मूल नागरिक हैं. इसमें वैसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है जहां दोनों दंपत्ति बेरोजगार हैं.”

सामाजिक रूतबा

वो कहती हैं, “सेवा का इस्तेमाल करने वालों के खाके में बदलाव का मतलब सिर्फ उनके आर्थिक हालात में तब्दीली नहीं है, बल्कि ये उनके सामाजिक रूतबे में बदलाव को भी दर्शाता है, जिसके चलते उन्हें अपने जिंदगी में भारी बदलाव करने की जरूरत हो रही है.”

पेट्री वाईव्स आमदनी में आई भारी कमी की वजह से ‘फूड बैंक’ में आए हैं.

“मेरी ये हालत आर्थिक संकट की वजह से है, क्योंकि पहले मैं एक हफ्ते में पांच दिन काम किया करता था. मैंने शिक्षा हासिल नहीं की है, इसलिए मैं पांच घरों में सफाई का काम किया करता था, लेकिन अब उनमें से सिर्फ दो घर ही मेरी सेवा ले रहे हैं. मेरी कमाई अब महज 500 यूरो प्रति माह है.”

उनके मुताबिक उन्होंने एम्पलाएमेंट एजेंसी में भी रजिस्ट्रेशन करवा रखा है लेकिन उसके माध्यम से भी कोई काम नहीं मिल पा रहा है.

नई बैंकिग व्यवस्था

इस बीच यूरोपीय संघ के प्रमुख जोस मैनुएल बरोसो ने कहा है कि संघ के लिए नई बैंकिग व्यवस्था सितंबर से लागू की जाएगी जिसमें सदस्य देशों के बजट और टैक्स प्रणाली पर कड़ी निगरानी की जाएगी.

इससे पहले यूरोपीय केंद्रीय बैंक के प्रमुख मारियो दरागी ने बयान दिया था कि बैंक यूरो को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.

उनके बयान के बाद मुद्रा बाजार में यूरो मजबूत हुआ है और स्पेन और इटली को कर्ज पाने के लिए कम ब्याज देना पड़ा है.

अमरीका

इस बीच वाणिज्य विभाग के मुताबिक दूसरी तिमाही में अमरीका की आर्थिक विकास दर नीचे गिरी है और वो सालाना ढेढ़ फीसदी पर पहुंच गई है.

हालांकि विभाग ने पहली तिमाही के विकास दर में बदलाव किया है और कहा है कि उस तिहाई में विकास दर दो फीसदी थी.

पहले ये दर 1.9 फीसदी बताई गई थी.

विभाग का कहना है कि विकास दर में कमी ये दर्शाता है कि लोग कम खर्च कर रहे हैं.

अमरीका दुनियां की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसके विकास दर में आई कमी को प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ सकता है.

 

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