मोदी पर वीजा बैन जारी रहे

nerndra modiवाशिंगटन। अमेरिका के रिलीजियस फ्रीडम कमीशन ने अमेरिकी सरकार से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को बरकरार रखने की सिफारिश की है। कांग्रेस की ओर से स्थापित इंडिपेन्डेंट पैनल (धार्मिक आजादी पर आधारित) का कहना है कि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो 2002 में गुजरात में हुए दंगों से मोदी को जोड़ते हैं। रिलीजियस कमीशन के सदस्यों का चुनाव राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

यूएस कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की अध्यक्ष कैटरीना लेंटोस स्वेट ने सालाना रिपोर्ट जारी करने के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि इस बात के काफी साक्ष्य हैं, जो उन्हें (मोदी) गुजरात में हुई हिंसा से जोड़ते हैं। इस वजह से मोदी को वीजा देना उचित नहीं होगा।

यूएससीआईआरएफ की सालाना रिपोर्ट में धार्मिक आजादी मसले पर भारत को टीयर-2 देशों की सूची में रखा गया है। इस सूची में सात अन्य देश अफगानिस्तान, अजरबैजान, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस और रूस शामिल हैं।

अपनी सालाना रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने इस बात का जिक्र किया है कि मोदी अभी तक अकेले व्यक्ति हैं, जिनके खिलाफ अमेरिका ने धार्मिक आजादी के आधार पर वीजा बैन के प्रावधान को लागू किया है। अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर मार्च, 2005 में मोदी पर यह बैन लगाया था। इन दंगों में अनुमानित तौर पर 1100 से 2000 मुस्लिमों की मौत हो गई थी। यूएससीआईआरएफ ने स्टेट एंड होमलैंड सिक्योरिटी विभाग से इस बात की अपील की है कि ऐसे लोगों की सूची पर फिर से तैयार की जाए, जिनके यूएस में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नवंबर, 2012 में विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें मोदी के खिलाफ अमेरिकी नीति को जारी रखने की बात कही गई थी।

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