अवमानना पर अदालत जाएगी पाक सरकार

पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि वह प्रधानमंत्री को अयोग्य घोषित किए जाने से रोकने के लिए बनाए गए नए कानून को रद्द किए जाने और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने संबंधी एक अन्य आदेश की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। सरकार की कानूनी टीम फिलहाल इस पुनर्विचार याचिका की ड्राफ्टिंग कर रही है और आशा है कि इसे आठ अगस्त से पहले दाखिल कर दिया जाएगा।

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार शीर्ष अदालत के उस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने ‘अदालत अवमानना कानून 2012’ को निरस्त कर दिया था। बाबर ने कहा कि हम अदालत के फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुई बैठक में विधि मंत्री फारूक एच नायक और राष्ट्रपति ने सरकार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा की और फिर याचिका दाखिल करने का फैसला किया गया।

बाबर ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के 12 जुलाई के उस आदेश के खिलाफ भी नई अर्जी दाखिल करेगी, जिसमें प्रधान मंत्री रजा परवेज अशरफ को जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खोलने के लिए स्विस अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा गया था। बाबर ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके ये दोनों याचिकाएं अदालत में दाखिल की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने अशरफ को आठ अगस्त तक का समय दिया है।

मालूम हो कि इसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद अशरफ को देश का प्रधान मंत्री बनाया गया था। सरकार ने शीर्ष पदों पर काबिज नेताओं को अदालती अवमानना से बचाने के लिए पिछले महीने नया अवमानना बिल भी पारित किया था, लेकिन सुप्रीम कोई द्वारा उसे अमान्य किए जाने के बाद उसके सामने नया संकट खड़ा हो गया है।

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