सऊदी अरब में बनेगा महिलाओं का शहर

एक ऐसा शहर, जहां सिर्फ और सिर्फ महिलाओं का ही राज होगा! जी हां, यह थोड़ा अजीब है, लेकिन कल्पना मात्र नहीं है। यह इस्लामिक देश सऊदी अरब की योजना है, जिसको अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है। इस शहर में महिलाओं को शरिया कानून के तहत काम करने की इजाजत होगी।

शरिया कानून नैतिक कोड है और इस्लाम का धार्मिक कानून अपराध, राजनीति और आर्थिक मामलों के साथ साथ खान पान, साफ सफाई, प्रार्थना और व्रत जैसे व्यक्तिगत मुद्दों से भी निपटता है। हालांकि सऊदी अरब में महिलाओं को काम करने पर पाबंदी नहीं है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं का आंकड़ा मात्र 15 प्रतिशत है।

इस योजना को देश के विकास में महिलाओं द्वारा सक्त्रिस्य भूमिका निभाने की सरकार की महत्वाकांक्षा के तहत तैयार किया जा रहा है। इसके तहत खास तौर पर युवा महिलाओं के लिए रोजगार पैदा किया जाएगा। एक सऊदी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी अथॉर्टी (मोडोन) ने देश से पश्चिमी देशों की तर्ज पर महिलाओं के लिए शहर बनाने को कहा है।

इसके निर्माण की शुरुआत अगले साल होगी। मोडोन के उप महासचिव सालेह अल रशीद ने बताया कि राज्य के पूर्वी शहर के निकाय को नए शहर के निर्माण के लिए आठ करोड़ 40 लाख पौंड के निवेश की उम्मीद है। इससे शहर में वस्त्र, औषधीय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में पांच हजार से अधिक नौकरियां पैदा की जा सकेंगी।

रशीद के हवाले से ‘अल इक्त सादिया’ अखबार ने कहा कि देश के कई हिस्सों में केवल महिलाओं के लिए उद्योग धंधे खोले जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसी योजना के तहत गत जून में विभिन्न मॉल्स में सेल्समैन के तौर पर विदेशी महिलाओं की जगह सऊदी महिलाओं को रखा जाना शुरू किया गया था।

इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधन, परफ्यूम, अंतर्वस्त्र से जुड़ी दुकानों पर पुरुष कर्मचारियों पर पाबंदी लगा दी गई है। इनमें अब महिलाएं ही काम करेंगी। पिछले साल सितंबर महीने में महिलाओं को मतदान और वर्ष 2015 में स्थानीय चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद सऊदी अरब दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां महिलाओं को कार चलाने की इजाजत अभी तक नहीं है।

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