नरोडा पाटिया : न्यायाधीश को खतरा शर्मनाक

खबर है कि गुजरात के नरोडा पाटिया दंगा मामले में निर्णय सुनाने वाली न्यायाधीश ज्योत्सना याग्निक पर हमले का खतरा बना हुआ है। इसी के मद्देनजर पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार ने विशेष जांच दल के प्रमुख आर के राघवन और पुलिस महानिदेशक चितरंजन सिंह को पत्र लिख कर न्यायाधीश याग्निक की सुरक्षा कड़ी करने की मांग की है। असल में ऐसा इस वजह से है कि इस फैसले के बारे में यह धारणा बनी है कि पहली बार किसी दंगा मामले में राजनीतिक दलों के नेताओं और अपराधियों को शह देने वाले लोगों को इतनी कड़ी सजा दी गई है। इसका इजहार टीवी चैनलों पर हुई बहस के दौरान भी हो चुका है। कानाफूसी है कि अगर इस प्रकार किसी न्यायाधीश की जान को खतरा होता है, तो यह हमारे लोकतंत्र, संविधान व न्यायिक व्यवस्था के लिए अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सब जानते हैं कि विधायिका व कार्यपालिका के प्रति तो हमारी आस्था लगभग समाप्त सी हो चली है, अगर न्यायपालिका से भी विश्वास उठता है तो यह देश के लिए बेहद घातक होगा। सच तो ये है कि आज न्यायपालिका की वजह से ही हमारा देश चल रहा है, वरना अराजकता में कोई देर नहीं बची है। कम से कम इसे तो बचा कर रखना ही होगा।

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