कायस्थ मोहल्ले में जर्जर मकान गिरने के बाद स्थानीय लोगों का अवैध निर्माण और जर्जर भवनों को लेकर जो रोष फूटा, उसके लिए सीधे तौर पर नगर निगम जिम्मेदार है, मगर उसे झेलना विधायक वासुदेव देवनानी व पार्षद संपत सांखला को पड़ गया। भई, जो मौके पर होगा, वही तो लपेटे में आएगा। वे गए तो संवेदना व्यक्त करने थे, मगर लोगों में जनप्रतिनिधियों और निगम के खिलाफ इस कदर आक्रोश था कि वे सांखला व देवनानी के खिलाफ ही नारेबाजी करने लग गए। उन्होंने मोहल्ले में नियम विरुद्ध बन रहे व्यावसायिक भवनों को लेकर स्थानीय पार्षद संपत सांखला को कोसा, जबकि सांखला का कहना है कि चारभुजा मंदिर के पास व्यावसायिक भवन की शिकायत की जा चुकी है, कार्यवाही तो निगम को ही करनी है।
दिलचस्प बात ये रही कि इस मौके पर देवनानी व अनिता भदले में बंटी भाजपा निशाने पर आ गई। स्थानीय लोगों ने देवनानी से सवाल किया कि पार्षद आपकी नहीं सुनता तो विधायक अनिता से भदेल से बात करें क्या? ज्ञातव्य है कि संपत सांखला विधायक भदेल के गुट के माने जाते हैं और देवनानी से उनका छत्तीस का आंकड़ा है। मजेदार बात ये रही कि बाद में देवनानी ने इसे अलग शब्दों में स्वीकार भी कर लिया और कहा कि पार्षद के खिलाफ लोगों में रोष था। सांखला विधायक भदेल के करीबी हैं, इस वजह से लोगों ने व्यंग्य कसा था।
कानाफूसी है कि ताजा घटना में देवनानी के लिए एक तरफ कुआ व दूसरी ओर खाई थी। यदि मौके पर नहीं पहुंचते तो यह माना जाता कि अपने विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं आए और पहुंचे तो सांखला का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। स्वाभाविक सी बात है, यदि आपकी पार्टी का पार्षद ही आपके कब्जे में नहीं है तो लोगों का क्या दोष? वे तो आपको एक ही मानते हैं। आपको याद होगा कि देवनानी को एक समझौते के तहत इस वार्ड में सांखला को टिकट देने पर सहमति जाहिर करनी पड़ी थी।
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