इन दिनों भारी बारिश के कारण हो रही दुर्घटनाओं की वजह से जहां एकाधिक परिवारों में शोक का मंजर है, वहीं निचली बस्तियों के लोग घरों में पानी भर जाने से परेशान हैं। हालांकि अजमेर की प्रभारी मंत्री श्रीमती बीना काक ने राजस्थान सरकार की ओर से पीडि़तों की सुध ले कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। स्थानीय कांग्रेसी नेताओं शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता व निगम मेयर कमल बाकोलिया के अतिरिक्त भाजपा विधायकों वासुदेव देवनानी व अनिता भदेल एवं शहर भाजपा अध्यक्ष रासासिंह रावत ने भी घटनास्थलों पर जा कर लोगों की पीड़ा को समझा है।
ऐसे में कानाफूसी है कि हमारे सांसद व केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट इस मौके पर कहां हैं? हालांकि पिछले दिनों वे संसद सत्र के कारण व्यस्त थे, मगर शनिवार व रविवार को तो यहां आ कर अजमेर वासियों की सुध ले ही सकते थे। अब भी जब आगामी 10 सितंबर को उनका किशनगढ़ आने का कार्यक्रम है तो वो भी इसलिए कि उन्हें वहां के कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बुलाया गया है। उन कार्यक्रमों के बाद उनका वापस लौट जाने का कार्यक्रम है। तब भी उन्होंने अजमेर आने का विचार नहीं बनाया है। इससे उनकी छवि एक ऐसे नेता की होने लगी है, जो अजमेर आते तो हैं, मगर केवल फीता काटने अथवा समारोहों में भाग लेने। यद्यपि वे अजमेर के विकास के प्रति गंभीर हैं, मगर हादसों के मौकों पर न पहुंचने के कारण उनकी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। संवेदनहीनता इस हद तक है कि उन्होंने मृतकों के परिजन अथवा अजमेर वासियों के लिए कोई संदेश तक जारी नहीं किया है। यहां तक कि एक ओर कायस्थ मोहल्ले में हुए एक हादसे की वजह से कोहराम मचा था तो दूसरी ओर कांग्रेसी उनके जन्मदिन पर केट काट रहे थे और मिठाइयां बांट रहे थे। पायलट ने उन्हें जन्मदिन सादगी से मनाने के निर्देश तक नहीं दिए।
2 thoughts on “हमारे सचिन पायलट ऐसे मौके पर कहां हैं?”
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यॆ तॊ हॊना ही था, बाहरी व्यक्ति कॊ वॊट दॆकर अपना सान्सद बनाना अजमॆर की जनता की सबसॆ बडी गलती है और वॊ भी काग्रॆस कॆ उम्मीदवार कॊ|
pilot wins from ajmer only due to cast calculation.only ajmer and dausa districts where gurjars are in majority elsewhere he is not able to win…