शहर में चर्चा

(जीवन के रंग, व्यंग्य के संग)

balramफोन की घंटी बजी मैनें उठाया
आपका बलराम – हां बोलो
वह व्यक्ति – भाईसाहब, योग का कार्यक्रम तो भाजपा ने रखा है । पर आपको तो पता है मैं अन्य पार्टी का हूँ । आने का तो मन है आप बताओ क्या करूँ ?
आपका बलराम – स्वास्थ्य प्रथम होना चाहिए, सच का साथ दें और इस योग शिविर में जरूर शामिल हो

1 thought on “शहर में चर्चा”

  1. योग कार्यक्रम का बीजेपी से कोई ताल्लुक नही है. यहतो हजारों साल पहले पतंजली ने शुरू किया था. इसका किसी धर्म से भी कोई लेना देना नही है. यह तो स्वास्थय के लिए है.

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