शाह ने पटेल को हराने में हर हथकण्डे का इस्तेमाल किया

sawar lal gujar
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अहमद पटेल की जीत उस कांग्रेस की याद दिलाती है जो जीतना जानती थी. पूरे घटनाक्रम पर नज़र डालेंगे तो आप पायेंगे कि अमित शाह ने पटेल को हराने में हर हथकण्डे का इस्तेमाल किया. सबसे पहले शंकर वाघेला से बग़ावत करवाकर, विधायक खरीदकर कांग्रेस को 57 से 44 पर पहुँचाया. फिर बाकी विधायकों को धमकाया और कर्णाटक में मंत्री शिवकुमार के प्रतिष्ठानों पर सीबीआई के छापे डलवाये गये. विधायकों को डराने के लिये राहुल गाँधी पर हमला करवाया गया और ऐन वोटिंग में वाघेला के पालतू कांग्रेस के तीन विधायकों से क्रॉस वोटिंग करवाई गयी. अहमद पटेल की इस जीत के शिल्पकार रही सम्पूर्ण कांग्रेस जिसने हर क़दम पर शाह को रणनीतिक पटकनी दी. कर्णाटक के मंत्री शिवकुमार सुग्रीव की तरह अपने पूरे बल के साथ आ डटे और शक्तिसिंह गोहिल रावण की लंका मेंं अंगद के पैर की तरह अड़ गए. उन्होंने ही बाग़ी विधायकों की काली करतूत को चुनाव आयोग के नोटिस में लाया और टस से मस न हुए वहीँ अर्जुन मोडवाडिया ने मीडिया को संभालते हुए दिल्ली से इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्थापित किया. दिल्ली में मास्टर स्ट्रोक खेला गया चिदंबरम के द्वारा जिनके बाद बीजेपी के दर्जन भर मंत्री डैमेज कण्ट्रोल में लगे. कांग्रेस थिंक टैंक ने अंतिम क्षणों में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का एक निर्णय चुनाव आयोग को दिया जिसके बाद आयोग के पास और कोई चारा नहीं बचा और उसे कांग्रेस की माँग कानूनी रूप से माननी पडी. कांग्रेस ने शाह के मोहरों से ही शाह को पीटा. बौखलाहट में बीजेपी ने मतगणना रुकवाने की कोशिश की लेकिन चुनाव आयोग की सख्त कार्यवाही की धमकी के बाद शाह की रणनीति हवा हो गयी. लगातार दबाव में कांग्रेस के बचे खुचे विधायक न सिर्फ लड़ते रहे बल्कि जीत कर ही माने. जहाँ एक ओर अमीर तरीन विधायक बिकते गये वहीँ 14 आदिवासी विधायक जो फूस के छप्पर वाले घरों में रहते हैं,, उन्होंने अपना ईमान नहीं बेचा और अमित शाह के धनबल को उसकी औकात दिखा दी. इस से विपक्ष के विधायक / सांसद तोड़ कर उन्हें अपने टिकट पर राज्यसभा में भेजने के बीजेपी के अभियान को करारा झटका लगा है वहीँ प्रज्ञावान जनता में इस वीभत्स खेल के कारण बीजेपी की जबरदस्त किरकिरी हुई है. ख़ुद को अजेय मानने वाली मोदी-शाह की जोड़ी को उसके बैकयार्ड में मिली यह हार लम्बे समय तक याद रहेगी… बीजेपी अब गोवा और मणिपुर बचाने की तैयारी कर ले और नितीश कुमार अपना घर क्यूँ कि भूखा शेर जाग गया है …. कल ही जयराम रमेश ने रणनीति बदलने के संकेत दिये थे और शाम होते होते रणनीति में स्पष्ट बदलाव नज़र आ गया. कांग्रेस को खत्म मान चुकी मीडिया और बिकाऊ पत्रकार भी सदमे में हैं…. उन्हें कुछ प्रैक्टिस नैतिकता के ढोल पीटने की करनी चाहिये क्यूँ कि अब बीजेपी की हर हार के साथ उन्हें यही सब रोना है. आज 9 अगस्त है… आज ही के दिन सन 1942 में अंग्रेजों को खदेड़ने की शुरुआत हुई थी… आज से कांग्रेस ने फिर अपनी ज़मीन से बीजेपी को खदेड़ने की शुरुआत की है… आते वर्षों में बीजेपी को वहीँ पहुँचा दिया जायेगा जहाँ से वो आयी है …. 2 सीट का आँकड़ा याद रखियेगा.

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