कानाफूसी है कि मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को फांसी दिए जाने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने झूठ बोला था। उन्होंने देश को बताया कि ऑपरेशन एक्स टॉप सीके्रट मिशन था और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक को इसकी जानकारी टीवी से ही मिली। सोनिया गांधी को भी इसकी जानकारी नहीं थी। मगर उनके इस बयान पर किसी को यकीन नहीं हो रहा, उलटा इस मामले में मनमोहन सिंह की खिल्ली उड़ाई जा रही है कि अगर उन्हें भी नहीं बताया गया था तो वे काहे के प्रधानमंत्री हैं। अगर शिंदे के बयान पर वाकई यकीन किया जाए तो यह वाकई गंभीर है कि देश की सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर प्रधानमंत्री तक तो नहीं पता तो यह वागई गंभीर बात है। एक सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर इतनी गोपनीयता बरतने की जरूरत ही क्या थी कि प्रधानमंत्री तक को नहीं बताया गया।
कानाफूसी है कि कसाब को फांसी दिए जाने का फैसला केवल देश से छिपाया गया, कांग्रेस और सरकार के बड़े लोगों को इसकी जानकारी पहले से थी। इस सिलसिले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का बयान भी शिंदे के दावों की हवा निकालने वाला है। उनके मुताबिक कांग्रेस के कोर ग्रुप ने ही कसाब की फांसी की पूरी प्रक्रिया तय की थी। सरकारी एजेंसियों ने तो बस दिशा-निर्देशों का पालन किया और पूरे ऑपरेशन को गुप्त रखा। शिंदे कांग्रेस कोर ग्रुप के सदस्य नहीं हैं।
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