केजरीवाल का ‘घर’ कौशाम्बी में तो बिजली दिल्ली में कैसे काट दी

arvind kejariwal 5दिल्ली में इन दिनों एक अजीब ड्रामा चल रहा है। एक दिन पहले खबर आई थी कि अरविन्द केजरीवाल के घर की बिजली कट गई है। कारण बताया गया कि बिजली बिल न भरनेवाले सत्याग्रह के कारण उनके घर का तीन महीने का बिल बकाया हो गया था जिसके कारण उनके घर की बिजली काट दी गई है। मीडिया में हंगामा मचा और अरविन्द केजरीवाल का बयान भी आया। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक ने चुटकी ले ली, लेकिन किसी ने यह जांचने की कोशिश नहीं कि जब अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में रहते ही नहीं है तो उनकी बिजली दिल्ली में कटी कैसे? अगर यूपी में बिजली कटी भी तो दिल्ली के बिन न भरो आंदोलन से उसका रिश्ता क्या है?
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल तकनीकि तौर पर दिल्ली में नहीं रहते हैं। उनका घर दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशाम्बी इलाके में हैं। जो खबर आई उसमें बताया गया कि बिजली का बिल न भरने के कारण उनके घर की बिजली काट दी गई। यह इसलिए हुआ क्योंकि अपने सत्याग्रह के कारण अरविन्द केजरीवाल ने तीन महीने से बिजली का बिल नहीं भरा था। उनका बिल आया था 7 हजार रूपये जिसके न भरने के कारण उनकी बिजली काट दी गई जिसे बाद में अरविन्द केजरीवाल ने जोड़ भी दिया। इस खबर के साथ अरविन्द केजरीवाल का क्रांतिकारी बयान भी छापा गया। लेकिन अगर वे कौशांबी में रहते हैं तो वहां दिल्ली की बिजली कंपनियों का कोई दखल नहीं है, जबकि अरविन्द केजरीवाल का सारा आंदोलन दिल्ली की बिजली कंपनियों के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई और काटने का काम उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन करता है। अब उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन का जो बयान सामने आ रहा है उसमें उसका कहना है कि वे कौशांबी के एक प्लैट की बिजली काटने गये जरूर थे जो गिरनार अपार्टमेन्ट में 902 नंबर का था लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह अरविन्द केजरीवाल का घर है तो वे वापस आ गये। उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी कोई बवाल मोल नहीं लेना चाहते थे। अब यहां दो पेंच हैं। एक, जब बिजली कटी ही नहीं तो अरविन्द केजरीवाल ने जोड़ी कैसे? और मान लेते हैं कि कौशांबी में अरविन्द केजरीवाल के घर की बिजली काटी भी गई तो जो पता यूपी का बिजली विभाग बता रहा है वह अरविन्द केजरीवाल के ‘घर’ का है ही नहीं। अरविन्द केजरीवाल के घर और आफिस का जो पता दुनिया में दर्ज है वह है ए-119, कौशाम्बी, गाजियाबाद। इसी घर के भूतल पर आफिस चलता रहा है और ऊपर वाले तल पर अरविन्द केजरीवाल का परिवार रहता है। अगर वह घर भी अरविन्द केजरीवाल का घर नहीं है तो फिर अरविन्द केजरीवाल के ‘घर’ की बिजली काटने का हंगामा क्यों खड़ा किया गया?
अब केजरीवाल के पंडे पुजारी तर्क दे रहे हैं कि असल में अरविन्द केजरीवाल के घर की बिजली तो कटी लेकिन कौशांबी में नहीं बल्कि दिल्ली के उनके किरायेवाले घर में। चलिए मान लेते हैं कि उनके किरायेवाले घर की बिजली कटी भी तो उसमें भी दो पेंच है। क्या यह महज इत्तेफाक ही है कि दिल्ली के किरायेवाले घर का बिजली बिल भी कमोबेश उतना ही क्यों बताया जा रहा है जितना कौशांबी वाले घर का बिल आया था? और माननीय मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी ऐसे तंज कैसे कस रही हैं कि मानों अरविन्द केजरीवाल के घर की बिजली सचमुच कट गई हो? अगर यह मान भी लिया जाए कि अरविन्द केजरीवाल के किसी दिल्ली में किराये पर लिये गये घर की बिजली काट दी गई और बिजली का बिल भी उनता ही रहा होगा जितना कौशांबी वाले घर का तो भी यह अरविन्द केजरीवाल का बिल कैसे हो सकता है? दिल्ली में किराये के मकानों में लगनेवाले मीटर कभी भी किरायेदार के नाम से नहीं होते हैं। उनका बिल किरायेदार भरता जरूर है लेकिन होते वे मकान मालिक के ही नाम से हैं। ऐसे में तो उस मकान मालिक की बिजली कटी जिस घर में अरविन्द केजरीवाल किराये पर रहते होंगे, फिर यह अरविन्द केजरीवाल की बिजली कटने जैसा प्रचार क्यों किया गया?
शायद, टीम केजरीवाल राजनीतिज्ञ होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। गलत बातों को सही बताकर मुद्दा बनाने की कला राजनीति में ही होती है और अरविन्द और उनकी टीम अब यह कला सीखने में उस्ताद नजर आने लगी है। तो क्या केजरीवाल शिगूफेबाजी के जरिए नये तरह के बिजली घोटाले को अंजाम दे रहे हैं? http://visfot.com

2 thoughts on “केजरीवाल का ‘घर’ कौशाम्बी में तो बिजली दिल्ली में कैसे काट दी”

Comments are closed.

error: Content is protected !!