स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन

“मेरे प्यारे देशवासियो, भाइयो, बहनो और प्यारे बच्चो। आप सभी को मैं आज़ादी की सालगिरह पर बधाई देता हूं।”

महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के हमारे नेताओं ने एक आज़ाद और खुशहाल भारत का सपना देखा था। सन् 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने लाल किले पर आज के दिन तिरंगा फहराकर इस सपने को साकार करने की दिशा में पहला कदम रखा। जो सफर 15 अगस्त, 1947 को हमने शुरू किया था, उसको आज 65 साल बीत चुके हैं। इन 65 सालों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है।

आज निश्चय ही भारत के लोकतंत्र की कामयाबी का जश्न मनाने का दिन है। लेकिन इस मौके पर हमें यह भी सोचना चाहिए कि हमें आगे क्या कुछ करना है और हासिल करना है। हमारी आज़ादी सही मायनों में तभी पूरी होगी जब हम अपने देश से गरीबी, अशिक्षा, भूख और पिछड़ेपन को खत्म कर पाएंगे। ये तभी मुमकिन होगा जब हम सब मिलकर अपनी कामयाबियों को आगे बढ़ाएं और अपनी असफलताओं से सबक सीखें।

भाइयो और बहनो,
आप जानते हैं कि इन दिनों विश्व अर्थव्यवस्था एक मुश्किल भरे दौर से गुज़र रही है। दुनिया के सभी देशों में आर्थिक विकास की रफ्तार कम हुई है। Europe के देशों को मिलाकर देखा जाए तो इस साल उनकी विकास दर शून्य रहने का अनुमान है। हमारे देश के बाहर के हालात का असर हम पर भी पड़ा है। साथ ही देश के अंदर कई ऐसी परिस्थितियां बनी हैं जो हमारे आर्थिक विकास में बाधा पहुंचा रही हैं। पिछले साल हमारी जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। इस साल हमें इससे कुछ बेहतर करने की उम्मीद है।

हम अपने देश के बाहर के हालात के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन हमें अपने देश के अंदर की समस्याओं को दूर करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए ताकि हमारे आर्थिक विकास की दर और देश में रोज़गार के नए मौके पैदा होने की रफ्तार फिर से तेज हो सके।

साथ में हमें मंहगाई पर भी काबू रखना है। इसमें थोड़ी मुश्किल खराब मानसून की वजह से आएगी। लेकिन इस स्थिति से निपटने के लिए हमने कई उपाय किए हैं। उन कस्‍बों में, जिलों में जहां बरसात में 50% या उससे ज्यादा की कमी हुई है, सरकार किसानों को डीजल सब्सिडी दे रही है। बीज सब्सिडी में बढ़ोत्तरी की गई है। चारे के लिए केंद्र की योजना में उपलब्ध राशि बढ़ा दी गई है। हमारी कोशिश है कि हमारे देश के किसी भी क्षेत्र में बीज, चारे और पानी की कमी की वजह से लोगों को परेशानी न हो। अच्छी बात यह है कि हमारे किसान भाई-बहनों की मेहनत की वजह से देश में अनाज का बहुत बड़ा भंडार है और अनाज की उपलब्धता की समस्या हमारे सामने पैदा नहीं होगी।

भाइयो और बहनो

जहां तक तेज़ आर्थिक विकास के लिए देश के अंदर अनुकूल वातावरण बनाने का प्रश्न है, मेरा मानना है कि बहुत से मुद्दों पर आम राजनैतिक सहमति न होने के कारण हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम अपनी विकास प्रक्रिया से जुड़े मामलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों की तरह देखें।

अगर हम देश के आर्थिक विकास की दर को तेज़ नहीं करते हैं, अर्थव्यवस्था में नए निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम नहीं उठाते हैं, सरकार के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर नहीं बनाते हैं और आम आदमी की आजीविका सुरक्षा और देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए काम नहीं करते हैं, तो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर निश्चय ही असर पड़ता है।

मेरा आज आपसे वादा है कि हमारी सरकार भारत के तेज़ आर्थिक विकास के लिए और देश को विश्वभर में छाए आर्थिक संकट से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी। हम शहरों और गांवों में रहने वाले अपने नौजवान भाई-बहनों को रोज़गार के नए मौके उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। हम वह हर मुमकिन कोशिश करेंगे जिससे हमारे गरीब भाई-बहनों, मजदूरों और किसानों की आजीविका सुरक्षित रहे। हम वह हर संभव प्रयास करेंगे जिससे हमारे देश में निवेश को बढ़ावा मिले और हमारे उद्योगपति देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा योगदान कर सकें।

मेरे प्यारे देशवासियो,
मेरा मानना है कि हमारी परेशानियों का मौजूदा दौर ज्‍़यादा दिन नहीं चलेगा। इन दिक्कतों और मुश्‍कि‍लों का सामना करते हुए हमें इस बात से हौसला मिलना चाहिए कि पिछले 8 सालों में हमने कई क्षेत्रों में असाधारण सफलताएं प्राप्त की हैं। ज़रूरत इस बात की है कि हम इस तरह की सफलताएं बहुत से नए क्षेत्रों में भी हासिल करें।

भाइयो और बहनो,
पिछले आठ सालों के दौरान हमारी यह कोशिश रही है कि हम अपने नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं ताकि वह राष्ट्र निर्माण के महान काम में योगदान दे सकें।

आज देश के हर पांच में से एक घर job-card के जरिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम से फायदा उठाने का हकदार बन चुका है। सिर्फ पिछले एक साल में हमने 8 करोड़ से अधिक लोगों को इस स्कीम के ज़रिए रोज़गार उपलब्ध कराया है।

सन् 2004 में जब यूपीए की सरकार बनी तो हमने वादा किया था कि हम हर गांव तक बिजली पहुंचाएंगे। इस वादे को पूरा करने के लिए हमने राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत एक लाख से अधिक नए गांवों को electricity connection से जोड़ा गया है और अब करीब-करीब सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। अब हमारा लक्ष्य अगले पांच सालों में देश के हर घर तक बिजली पहुंचाना और बिजली की supply को बेहतर करना है।

मेरे प्यारे देशवासियो,
हमारे मेहनती किसानों की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने पिछले दो वर्षेां में लगातार फसलों का रिकार्ड उत्पादन किया है। कृषि के विकास और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हमारी सरकार की कोशिशों के कारण ग्याहरवीं योजना में कृषि में 3.3 प्रतिशत का औसत विकास हुआ, जो दसवें Plan के 2.4 प्रतिशत की दर से काफ़ी ज्यादा है। पिछले आठ सालों में हमने फसलों का खरीद मूल्य दुगुना कर दिया है। हम लाखों छोटे किसानों को कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध करा रहे हैं।

हमारे मुल्क की सबसे बड़ी ताकत हमारे बच्चे हैं। अगर हमारे बच्चे सेहतमंद हों और सही शिक्षा पाते हों तो हमारा भविष्य उज्ज्वल रहेगा।

इसीलिए हमारी सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में बच्चों की ज़रूरतों का ख़ास ख्याल रखा है। बच्चों की पढ़ाई को कानूनी तौर पर जरूरी बना दिया गया है। साल 2006-07 में 6 से 14 साल के बीच के सिर्फ 93 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में दाखिल हो रहे थे। आज इस age group के करीब सभी बच्चे स्कूलों में दाखिल हो रहे हैं। सिर्फ पिछले दो सालों में देश में 51,000 नए स्कूल खोले गए हैं और तकरीबन सात लाख अध्यापकों को उनमें नियुक्त किया गया है। अब हम शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की तरफ खास ध्यान देंगे। अगले कुछ महीनों में हम ऐसा इंतज़ाम करेंगे जिसमें लगातार यह जानकारी मिलती रहे कि बच्चों को पढ़ाई का कितना फायदा पहुँच रहा है। इसमें समुदाय और बच्चों के मां-बाप की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि उनको अपने बच्चों की पढ़ाई से इत्मिनान मिल सके।

स्कूलों में दोपहर के भोजन की योजना के ज़रिए आज देश भर में करीब 12 करोड़ बच्चे रोज पौष्टिक खाना पाते हैं। यह दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी योजना है।

पिछले डेढ़ साल में हमारे देश में पोलियो का एक भी नया केस सामने नहीं आया है और अब भारत उन देशों की सूची में शामिल नहीं है जिनमें पोलियो का असर है।

बच्चों में कुपोषण हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए हमने कई क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए हैं। ICDS स्‍कीम से फायदा उठाने वाली माताओं और बच्चों की तादाद पिछले आठ सालों में दुगुनी हो गई है। ICDS स्‍कीम को और प्रभावी बनाने की प्रक्रिया अब आखिरी दौर में है और इसे अगले 1-2 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।

साल 2005 में हमने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन शुरू किया था ताकि देश के हरेक गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें। आज इस मिशन को लागू करने के लिए तकरीबन 10 लाख स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं ली जा रही हैं, जिनमें साढ़े आठ लाख आशा कार्यकर्ता शामिल हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की कामयाबी के बाद अब हम शहरों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना चाहते हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बदला जाएगा। यह पूरे देश के सभी गांवों और शहरों में लागू होगा। हम सभी देशवासियों के लिए सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से जरूरी दवाएं मुफ्त देने की एक स्कीम भी बना रहे हैं।

भाइयो और बहनो,
हम अपने नौजवानों के लिए आने वाले सालों में रोज़गार के बहुत से नए अवसर पैदा करना चाहते हैं। इसके लिए यह ज़रूरी है कि हम उनको ऐसी skills में ट्रेनिंग दिलवाएं जिनकी हमारी अर्थव्यवस्था को जरूरत है। हमारा प्रयास है कि हम बहुत सी नई skills में training उपलब्ध कराने का इंतज़ाम करें। हम ऐसी व्यवस्था भी करना चाहते हैं जिसमें 6 हफ्ते से 6 महीने तक की अवधि के छोटे Training Courses का लाभ हमारे नौजवान भाई-बहन उठा सकें। National Skill Development Council ने ट्रेनिंग की एक बहुत बड़ी योजना बनाई है जिसके तहत अगले पांच साल में 8 करोड़ लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह एक महत्वकांक्षी योजना है जो केन्द्र सरकार द्वारा एक खास एजेन्सी बनाकर ही पूरी की जा सकती है। इसलिए हम एक National Skill Development Authority की स्थापना करने पर विचार कर रहे हैं ताकि Skill Development के कार्यक्रमों को सारे देश में तालमेल के साथ लागू किया जा सके। इस काम में सरकार के अलावा निजी कंपनियों और स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान भी ज़रूरी होगा।

उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देकर ही हम रोज़गार के लि‍ए नए और बेहतर अवसर पैदा कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने Infrastructure में तेज़ी से सुधार करना होगा।

हमने हाल ही में Infrastructure के निर्माण में तेज़ी लाने के नए उपाए किए हैं। सड़क, बंदरगाह, रेल, बिजली और कोयला के क्षेत्रों में नए महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। Infrastructure के निर्माण के लिए सरकार निजी क्षेत्र की मदद से पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाएगी। विदेशी पूंजी को भारत में लाने के लिए हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये भरोसा पैदा करना होगा कि भारत में निवेश में कोई रुकावटें नहीं हैं।

भाइयो और बहनो,
सिर्फ दस साल पहले तक हमारे गांवों में दस में से सिर्फ तीन घर बैंकिंग सेवाओं से जुड़े थे। आज आधे से भी ज्यादा ग्रामीण घरों में बैंक खाते खोले जा चुके हैं। हमारी कोशिश होगी कि अगले दो सालों में सभी घरों को बैंक खातों का लाभ मि‍ल पाए ।

हम ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं जिसमें सरकारी स्कीमों से जारी पैसा जैसे – बुज़ुर्गेां की पेंशन, छात्रों की स्कॉलरशिप और मज़दूरों का मेहनताना, सभी का भुगतान सीधे लोगों के बैंक एकाउंट में किया जाए। इससे लोगों की परेशानी कम होगी, वो आसानी से भुगतान पा सकेंगे और पारदर्शिता बढ़ेगी। इस बड़े काम के लिए हम ‘आधार’ स्कीम का सहारा लेंगे जिसमें अब तक लगभग 20 करोड़ लोगों का Registration हो चुका है।

देश के शहरी इलाकों में रहने वाले अपने गरीब भाई-बहनों को मकान मुहैया कराने के लिए हम शी³ß ही राजीव आवास ऋण योजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर तबकों के लोगों को मकान बनाने के लिए 5 लाख रुपए तक के कर्ज़ पर ब्याज में छूट दी जाएगी।

इसी साल हम बारहवीं पंचवर्षीय योजना को राष्ट्रीय विकास परिषद् के सामने रखेंगे । योजना में देश के विकास से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगे की कार्रवाई को तय किया जाएगा। इसमें उन उपायों का र्नि‍धारण किया जाएगा जिनसे हमारे आर्थिक विकास की दर वर्तमान 6.5 प्रतिशत से बढ़कर योजना के आखिरी साल में 9 प्रतिशत हो जाए। योजना में उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो देश के विकास का फायदा भारत के हर नागरिक तक और खासतौर पर कमज़ोर तबकों तक पहुंचाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि बारहवीं योजना को केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।

भाइयो और बहनो,
अभी हाल में असम में हिंसा की जो घटनाएं हुई, वे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मुझे यह अहसास है कि इन घटनाओं से एक बड़ी तादाद में लोगों की ज़िन्दगी अस्त-व्यस्त हो गयी है। हिंसा से प्रभावित परिवारों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। हम उनको राहत पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मेरा आपसे यह भी वायदा है कि हमारी सरकार इन घटनाओं की वजहों को समझने की पूरी कोशिश करेगी और राज्य सरकारों के साथ मिलकर मेहनत से काम करेगी ताकि देश में कहीं भी इस तरह के हादसे दोबारा न होने पायें।

आंतरिक सुरक्षा के कई क्षेत्रों में हमें सफलताएं मिली हैं। जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनावों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। पूर्वेात्तर के राज्यों में हिंसा में कमी आई है और वहां के कई गुटों के साथ हमारी बातचीत जारी है, ताकि उन्हें विकास की मुख्य धारा में फि‍र से शामिल किया जा सके। नक्सलवादी इलाकों में हमने विकास की कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे वहां के लोगों की और ख़ास तौर पर अनुसूचित जनजाति के हमारे भाई-बहनों की, शिकायतें दूर की जा सकें और उनकी हालत में सुधार हो सके। लेकिन आंतरिक सुरक्षा के विषय पर हमें लगातार चौकस रहने की ज़रूरत है। सांप्रदायिक सद्भाव को हमें हर कीमत पर बनाए रखना है। नक्सलवाद अभी भी एक गंभीर समस्या बना हुआ है। इस महीने के शुरु मेँ पुणे में जो घटनाएं हुई, वे इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में हमें अभी भी काफी काम और करना है। यह काम हम आगे भी लगन और मेहनत के साथ करते रहेंगे।

मेरे देशवासियो,
मैं अपने वैज्ञानिकों और technologists को बधाई देता हूं जिन्होंने इस साल अग्नि-V मिसाइल का सफल परीक्षण करके और रिसैट-I उपग्रह को अंतरिक्ष में सफलता से छोड़कर भारत की शान बढ़ाई। अभी हाल ही में हमारी Cabinet ने Mars Orbiter Mission को मंजूरी दी है। इस Mission के तहत भारत का अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह के पास जाकर महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी इकट्ठा करेगा। यह मंगलयान, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हमारे लिए एक बड़ा कदम होगा।

भाइयो और बहनो,
हमने हाल के महीनों में अपनी सेना की भूमिका और उसकी तैयारी के बारे में काफी बहस देखी। मैं, इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि हमारी फ़ौज और हमारे अर्द्ध सैनिक बलों ने शांति और युद्ध के समय हमारे देश की हिफाज़त, सम्मान और बहादुरी के साथ की है। जब कभी-भी जरूरत हुई है, हमारे सैनिकों ने बड़े से बड़ा बलिदान दिया है। आज, मैं अपने सभी देशवासियों को एक बार फिर यकीन दिलाना चाहूंगा कि हमारी सेना और अर्द्ध सैनिक बल हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। सरकार इन बलों को आधुनिक बनाने के लिए वचनबद्ध है और उन्हें जरूरी टेक्नोलॉजी और साज़ो-सामान मुहैया करवाने का काम जारी रखेगी। आज के दिन मैं अपने सुरक्षा बलों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं, जो जांबाज़ी से हमारी सीमाओं की हिफ़ाज़त कर रहे हैं। हम उनकी भलाई के लिए बराबर काम करते रहेंगे।

हमारी सरकार ने सेना के सैनिकों और अफसरों के वेतन और पेंशन संबंधी मामलों की जांच करने के लिए एक समिति बनाई है। यह समिति retired सैनिकों और अफसरों की पेंशन और उनके परिवारों को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन से संबंधित मुद्दों की भी जांच करेगी। समिति की सिफारिशें प्राप्त होने के बाद हम उन पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे।

मेरे प्यारे देशवासियो,
हमारी सरकार ने अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और समाज के दूसरे पिछड़े तबकों की भलाई पर विशेष ध्यान दिया है। हमारे देश के आदिवासी और पिछड़े जिलों की तरक्की की खास ज़रूरतों को Integrated Action Plan, Backward Areas Grant Funds और Tribal Sub Plan जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए पूरा किया जा रहा है। वन अधिकार अधिनियम के तहत हमने अनुसूचित जनजाति के लाखों भाई-बहनों को उस ज़मीन पर मालिकाना हक दिया है जिस पर वह पीढ़ियों से रह रहे हैं। हम एक ऐसी योजना भी बना रहे हैं जिसके ज़रिए अनुसूचित जनजातियों के लोगों को उनके द्वारा इकट्ठा किए गए वन उत्पादों के अच्छे और वाजिब दाम मिल सकें। सरकार, Mines & Minerals (Development & Regulation) Bill को जल्दी अमल में लाना चाहती है। इस कानून के जरिए हम mining वाले क्षेत्रों में अपने आदिवासी भाई बहनों के फायदे के लिए धन उपलब्ध कराना चाहते हैं।

अल्पसंख्यकों के लिए बनाए गए 15 सूत्री कार्यक्रम को हम अधिक प्रभावी बनाएंगे। ज्यादा अल्पसंख्यक आबादी वाले जिलों में लागू किए जा रहे Multi Sectoral Development Programme का विस्तार किया जाएगा।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को मिलने वाले Post-matric वजीफों की दरों में हमने बढ़ोत्तरी की है। इन तबकों को मिलने वाले वजीफों की व्यवस्था को अधिक कारगर बनाने की हमारी कोशिशें जारी रहेंगी।

सरकार एक नया और प्रभावी कानून बनाने पर विचार कर रही है ताकि हाथ से मैला उठाने के घिनौने चलन को बंद किया जा सके और इस काम में लगे लोगों को नई ज़िंदगी बसर करने का मौका मिल सके।

भाइयो और बहनो,
सरकार और प्रशासन के काम को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का हमारा संकल्प बरकरार है। पिछले स्वतंत्रता दिवस पर मैंने आपसे वादा किया था कि हमारी सरकार इस दिशा में बहुत से कदम उठाएगी। मुझे आज यह कहते हुए खुशी है कि पिछले एक साल में इस क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। लोकसभा ने लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास कर दिया है। हमें उम्मीद है कि राज्यसभा में इस बिल को पास करने में सभी राजनैतिक दल हमारी मदद करेंगे। कई और बिल भी संसद में पेश किए जा चुके हैं। कैबिनेट ने एक Public Procurement Bill को मंजूरी दे दी है। लोक सेवकों के काम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने और उसमें भ्रष्टाचार कम करने की कोशिशें हम जारी रखेंगे। लेकिन हम यह भी ध्यान रखेंगे कि इससे राष्ट्रहित में फैसले लेने वाले अधिकारियों के मनोबल को बेबुनियाद शिकायतों और गैर-जरूरी अदालती कार्रवाइयों से नुकसान न पहुंचे।

भाइयो और बहनो,
प्रधान मंत्री बनने के बाद मैंने राष्ट्र के नाम अपने पहले ही संदेश में आप सभी से राष्ट्रनिर्माण के महान काम में योगदान करने की अपील की थी। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आज पहले से कहीं ज्यादा संख्या में हमारे देश के नागरिक और विशेषकर नौजवान समाज और देश की प्रगति से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों में दिलचस्पी ले रहे हैं। हमारी सरकार मानती है कि भारत के सामने जो कठिन समस्याएं हैं, उनका मुकाबला हम आम आदमी के सहयोग से ही कर सकते हैं। हमारी कोशिश होगी कि आने वाले वक्त में और बड़ी संख्या में लोग गरीबी, अशिक्षा और असमानता दूर करने जैसे कामों में हमारी सहायता करें।

भाइयो और बहनो,
मेरा मानना है कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे महान देश को विकास और तरक्की की नई ऊँचाइयां पाने से नहीं रोक सकती। ज़रूरत सिर्फ इस बात की है कि हम सब मिलजुलकर और एक होकर अपने देश की कामयाबी के लिए काम करें। आइए, एक बार फिर यह प्रण करें कि हम सब एक प्रगतिशील, आधुनिक और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए लगातार काम करते रहेंगे।

अंत में, प्यारे बच्चो, मेरे साथ मिलकर तीन बार बोलिए

जय हिन्द ! जय हिन्द ! जय हिन्द !”

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