संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुचित प्रतिस्पर्धा अधिनियम

वास्तविक तथा वैध सूचना प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुचित प्रतिस्पर्धा अधिनियम
information technologyसूचना प्रौद्योगिकी का विकास दुनिया भर में विनिर्माण क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया हैI विनिर्माण क्षेत्रों में कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर संपत्ति को प्राप्त करने और बनाए रखने में एक अच्छी रकम निवेश कर रही हैंI वैश्वीकरण ने जहाँ एक ओर व्यापार और साझा करने के लिए प्रौद्योगिकियों में बाधाओं को पार करने का एक अवसर दिया है, वहीं दूसरी ओर कम कीमत पर सबसे अच्छा देने के लिए कम्पनिओं में प्रतिस्पर्धा लग गयी हैI इस वजह से कंपनी कि प्रतिष्ठा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और नियमों का पालन अति आवश्यक हो गया I
जहाँ एक ओर आईटी के उपयोग से व्यापार मैं क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं , वही आईटी का अवैध और गैर जिम्मेदाराना उपयोग वास्तविक व्यापार के विकास के अवसरों में कटौती करता है I पायरेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग, अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर, सॉफ्टवेयर की वास्तविक उपयोगकर्ता के लिए नुकसान लाता हैI लेकिन यह भी बाजार में बेचा जाता है , जो न केवल सॉफ्टवेयर की वास्तविक उपयोगकर्ता के लिए नुकसान लाता है , बल्कि अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा भी देता है I आईटी की चोरी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कोई प्रभावी कानून नहीं है Iअमरीका हमेशा से वैश्विक स्तर पर आईटी की चोरी पर सचेत रहा है I इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए जुलाई 2011 में वाशिंगटन में अनुचित प्रतिस्पर्धा अधिनियम (UCA) अधिनियमित किया गया थाI यह कानून लुइसियाना राज्य में भी पारित किया गया I इसी तरह के नियमों को संयुक्त राज्य अमेरिका के अन्य राज्यों में पारित किया गयाI
UCA के अनुसार यदि कोई व्यापारी अपने व्यापार के संचालन में चोरी की गयी अथवा अवैध सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए उत्पादन करता है तो यह UCA का उलंघन माना जायेगाI
भारतीय निर्यातकों के लिए UCA
अमरीका भारतीय उत्पादों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है, लेकिन भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिका के अन्य निर्यातकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना एक चुनौती हैI भारत को चीन, जापान, कनाडा, मेक्सिको जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है I अमेरिका के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी अधिकांश उत्पाद श्रेणियों में भारत की तुलना में काफी ज्यादा हैI
नीचे दिए गए ग्राफ से यह स्पष्ट है.

Source : http:/www.census.gov/foreign-trade/statistics/product/endues/imports/

UCA स्पष्ट रूप से यह कहता है की , जिन देशों में UCA अधिनियमित किया गया है , वहाँ उन अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है जिन्होंने पायरेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग किया है I इसलिए अमेरिका के खरीददार जाहिर तौर पर उन देशों के साथ व्यापार करना पसंद करेंगे जहाँ पायरेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग कम से कम हैI
यहां भारत व्यापारिओं के लिए लाभ का अवसर है, क्योंकि भारत मैं सॉफ्टवेयर पायरेसी अपने एशियाई प्रतियोगिओ की तुलना में सबसे कम है I बी.एस.ए द्वारा(BSA) विश्व स्तर पर होने वाली सॉफ्टवेयर चोरी से जुड़े एक अध्ययन के अनुसार, भारत में सॉफ्टवेयर चोरी की दर 63% है, जबकि चीन (77%), बांग्लादेश (90%), श्रीलंका (86%) और वियतनाम (83%) आदि देशों मैं यह भारत से ज्यादा हैI
नीचे दी गई तालिका में विभिन्न एशियाई देशों में सॉफ्टवेयर चोरी की दर का पता चलता है I यह स्पष्ट रूप से पता चलता है की देशों मैं सॉफ्टवेयर चोरी की दर कम हो रही है I

Global Software Piracy Rate Across Countries
2007 2008 2009 2010 2011
China 82% 80% 79% 78% 77%
India 69% 68% 65% 64% 63%
Pakistan 84% 86% 84% 84% 86%
Indonesia 84% 85% 86% 87% 86%
Thailand 78% 76% 75% 73% 72%
Sri Lanka 90% 90% 89% 86% 84%
Vietnam 85% 85% 85% 83% 81%
Source:www.bsa.org
भारत के प्रमुख व्यापारिक प्रतियोगी तकनीकी रूप से भारत से उन्नत हैं, इसलिए भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाज़ार मैं जगह बनाने के लिए यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की वे UCA का अनुपालन करे. भारतीय कम्पनिओं को यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए की वह उन्ही आपूर्तिकर्ताओं (suppliers) के साथ व्यापार करे जो वास्तविक तथा वैध आईटी (genuine IT ) का प्रयोग करते हैं I
श्री चेतन शाह, अध्यक्ष, ASIRT के अनुसार “UCA के तहत, अमेरिका मैं उत्पादों और सेवाओं के निर्यात के लिए केवल वास्तविक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के उपयोग का अनुपालन पुरी मूल्य श्रृंखला (value chain ) में करना ज़रूरी है I
भारतीय निर्माताओं के लिए एक अवसर
भारतीय लघु उद्योगों के लिए अमेरिका के आयात बाजार महत्वपूर्ण है Iअमेरिका भारत के लिए एक प्रमुख निर्यात बाजार हैI भारतीय निर्यातकों के लिए ये आवशयक है कि वे ये सुनिश्चित कर ले कि वे केवल लाइसेंस सॉफ्टवेयर का ही इस्तेमाल करते हैं I
सुश्री तमन्ना चतुर्वेदी, सलाहकार, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, के अनुसार “अमेरिका भारत के लिए एक प्रमुख निर्यात बाजार है, इसलिए भारतीय निर्यातको को सही लाइसेंस अनुपालन सुनिश्चित करने और कानून का पालन करने के लिए उनकी पूरी आपूर्ति श्रृंखला में इस्तेमाल किये गए सॉफ्टवेयर की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है I
हमें यह भी समझने की जरूरत है कि भारत अभी लाभप्रद स्थिति में है क्योंकि , प्रतियोगी देश चीन भारत की तुलना में अमरिकी आयत में एक बहुत बेहतर हिस्सेदारी रखता है लेकिन वहाँ अवैध IT के उपयोग की दर भारत से कई ज्यादा है. अतः भारतीय व्यापारिओं को जल्द से जल्द इस मौके का लाभ उठाना चाहिए I
अब सवाल यह है कि भारतीय कंपनियों को क्या करना चाहिए? और इसका सरल जवाब यह है की उन्हें जल्द से जल्द अपने आप को वास्तविक IT उपयोग करने वालो के रूप में स्थापित करना चाहिएI

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